आपको याद हैं कुलभूषण जाधव... भारतीय नौसेना का वह पूर्व अधिकारी जिसे पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ईरान से अपहरण किया था और बाद में जिसे जासूस बताकर मौत की सजा सुनाई थी, जबकि भारत ने इन आरोपों का खंडन किया है। सोशल मीडिया पर उनके बारे में एक खबर वायरल हो रही है, जिसके अनुसार कुलभूषण जाधव इसी महीने पाकिस्तान से रिहा होकर भारत वापस आ रहे हैं। कुछ पोस्ट में यह भी कहा जा रहा है कि वह 10 दिन में वतन आ जाएंगे। साथ ही इन पोस्ट में जय हो नमो, नमो-नमो और 56 इंच लिखकर इसका क्रेडिट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया जा रहा है।
देखें कुछ पोस्ट-
क्या है सच?
वायरल पोस्ट झूठी है। कुलभूषण जाधव के रिहा होने की अभी कोई खबर नहीं है। यह मामला अभी हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत में है। अंतरराष्ट्रीय अदालत में 18-21 फरवरी के बीच इसकी सुनवाई होगी।
क्या है पूरा मामला?
2016 में पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग को जाधव की गिरफ्तारी की जानकारी मिली थी। 25 मार्च 2016 से भारत लगातार जाधव की कॉन्सुलर एक्सेस की मांग कर रहा है। लेकिन आजतक पाकिस्तान ने जाधव का कॉन्सुलर एक्सेस नहीं दिया।
पाकिस्तान का नकारात्मक रुख देख भारत ने 8 मई 2017 को अंतरराष्ट्रीय अदालत में पाकिस्तानी अदालत की सजा के खिलाफ अपील की थी। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने 18 मई 2017 को जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी और कहा था कि मामले की सुनवाई पूरी न होने तक पाक जाधव को फांसी न दें।
अंतरराष्ट्रीय अदालत में जाधव मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 18-21 फरवरी 2019 की है। इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि वह इस बार कुलभूषण के भारतीय जासूस होने के पूरे सबूत कोर्ट के सामने पेश करेंगे।
वेबदुनिया की पड़ताल में कुलभूषण जाधव के इसी महीने पाकिस्तान से रिहा होकर भारत वापस आने की खबर झूठी निकली।