विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद सोशल मीडिया पर फिर से फेक वीडियो की बयार शुरू हो गई है। पहले राहुल गांधी का किसानों की कर्जमाफी के वादे से पलटने का फेक वीडियो आया था और अभी एक नया वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो के जरिये दावा किया जा रहा है कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद मुसलमानों की एक रैली निकली, जहां ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगे और बाबरी मस्जिद दोबारा बनाने की मांग की गई।
Politics-Solitics नाम के एक फेसबुक पेज पर एक वीडियो शेयर किया गया, जिसमें लिखा गया- उन सभी भाइयों को मुबारक जिसने कांग्रेस को वोट दिया।
दो दिन में ही इस वीडियो को 3 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं और यह वीडियो 15 हजार से ज्यादा बार शेयर हो चुका है।
इस वीडियो को कई अन्य फेसबुक यूजर्स और पेजेज ने भी इसी तरह के दावों के साथ शेयर किया है।
क्या है सच?
आपको बता दें कि इस वीडियो में जो हरे झंडे लहराए गए, वे पाकिस्तानी नहीं बल्कि इस्लामिक झंडे हैं। पाकिस्तानी झंडे में हरे हिस्से के बाईं तरफ सफेद पट्टी होती है, जबकि वीडियो में दिख रहे झंडे पूरे हरे रंग के ही हैं।
इस वीडियो को ध्यान से देखने पर आगे यह पता चला है कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश के संभल जिले का है। आप भी वीडियो में भीड़ के हाथों में जो बैनर है, वह देख सकते हैं-
पड़ताल आगे बढ़ाते हुए जब हमने ‘बाबरी मस्जिद संभल’ कीवर्ड्स से सर्च किया तो हमें 6 दिसम्बर 2016 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसका शीर्षक था- ‘संभल बाबरी मस्जिद जुलूस’। यह वही वीडियो है, जो आजकल वायरल हो रहा है।
अब स्पष्ट है कि वायरल वीडियो दो साल पुराना है और इसका कांग्रेस की जीत से कोई वास्ता नहीं है।
हमारी पड़ताल में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद मुसलमानों द्वारा ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने और बाबरी मस्जिद दोबारा बनाने की मांग करते हुए रैली निकालने का दावा झूठा साबित हुआ है।