ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना वायरस की वैक्सीन का मानव ट्रायल पिछले गुरुवार से शुरू हो गया। पहले ट्रायल में दो लोगों को टीका लगाया गया है, इनमें एलिसा ग्रेनाटो नामक महिला वैज्ञानिक भी शामिल हैं। अब सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि वैक्सीन ट्रायल के दौरान एलिसा की मौत हो गई है।
क्या है सच-
कोरोना वैक्सीन ट्रायल के दौरान एलिसा ग्रेनाटो की मौत का वायरल दावा झूठा है। सोशल मीडिया पर फैली मौत की अफवाहों को दरकिनार करते हुए ऐलिसा ने कहा है कि वह ठीक हैं।
बीबीसी के मेडिकल संवाददाता फर्गस वाल्श, जो वैक्सीन ट्रायल को शुरू से कवर कर रहे हैं, ने 26 अप्रैल को ट्विटर पर बताया कि उन्होंने सुबह ही स्काइप पर डॉ. ग्रेनाटो से बात की है। इसके बाद बीबीसी संवाददाता ने एलिसा का एक वीडियो भी शेयर किया।
एलिसा को लगाए गए टीके पर वैज्ञानिकों की उम्मीदें टिकी हैं। उनका दावा है कि यह टीका प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना वायरस से लड़ने में शरीर की मदद करेगा।
बता दें, टीका लगने के बाद एलिसा ग्रैनैटो ने कहा था, ‘मैं एक वैज्ञानिक हूं। इसलिए रिसर्च को सपोर्ट करना चाहती हूं। मैंने वायरस पर कोई स्टडी नहीं की है। इसलिए खुद अच्छा महसूस नहीं कर रही थी। इस काम में सहयोग करने का यह सबसे आसान तरीका है।’