पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच कई महीनों से तनाव है। इस बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन काल में 2017 से 2019 के बीच भारत में चीन का एफडीआई 2.8 बिलियन डॉलर से बढ़कर 4.14 बिलियन डॉलर हो गया है।
क्या है वायरल-
कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक इंफोग्राफिक शेयर किया गया जिसमें दर्शाया गया कि मोदी काल में चीन का FDI भारत में बढ़ा है। इंफोग्राफिक के मुताबिक, साल 2017 में चीनी एफडीआई $2.8 बिलियन थी। 2018 में यह बढ़कर $3.94 बिलियन और 2019 में $4.14 बिलियन हो गई। कांग्रेस में यूपीए कार्यकाल के दौरान के आंकड़े भी पेश किए हैं। इसमें दिखाया गया कि 2011 में ये राशि $0.3 बिलियन थी, 2012 में $0.31 बिलियन हुई और 2013 में $2.7 बिलियन पहुंची।
क्या है सच-
सरकार ने कांग्रेस के इस दावे का खंडन करते हुए इसे फर्जी और गलत बताया है। सरकार का कहना है कि 2017 में भारत में चीन से 0.350 बिलियन डॉलर का एफडीआई आया था जो 2019 में घटकर 0.163 बिलियन डॉलर रह गया।
भारत सरकार की पॉलिसी/स्कीम्स/विभाग/मंत्रालयों को लेकर गलत सूचना को फैलने से रोकने के लिए काम करने वाले PIB फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने अपने ट्वीट में लिखा है- “सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि भारत में चीनी FDI 2017 के $2.8 बिलियन से बढ़कर 2019 में $4.14 बिलियन हो गया है। यह डाटा फेक और गलत है। चीन का निवेश 2017 में $0.350 बिलियन था जो 2019 में घटकर $0.163 बिलियन हो गया है।”