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क्या अयोध्या फैसले के मद्देनजर सभी phone calls की होगी रिकॉर्डिंग... जानिए वायरल नए communication rules का पूरा सच...

क्या अयोध्या फैसले के मद्देनजर सभी phone calls की होगी रिकॉर्डिंग... जानिए वायरल नए communication rules का पूरा सच...
, बुधवार, 6 नवंबर 2019 (17:24 IST)
अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का फैसला सुप्रीम कोर्ट कभी भी सुना सकता है। इस बीच अयोध्या विवाद से जुड़ा एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि अयोध्या फैसले के मद्देनजर कम्यूनिकेशन के नए नियम लागू होने वाले हैं। इनमें सभी कॉल की रिकॉर्डिंग होगी।
 
क्या है वायरल-
 
वायरल मैसेज में लिखा है- ‘अयोध्या फैसला कल से नये communication के नये नियम लागू होने वाले हैं :-
 
1. सभी कॉल की recording होगी।
2. सभी call recording saved होंगे
3. Whatsapp, Facebook, Twitter और सभी Social media सभी monitored होंगे
4. जो ये नहीं जानते उन सभी को सूचित कर दीजिये।
5. आपकी Devices को मन्त्रालय systems से जोड़ दिया जायेगा।
6. ध्यान दीजिये कोई भी गलत message किसी को भी मत भेजिये
7. अपने बच्चों, भाइयों, रिश्तेदारों, दोस्तों,परिचितों आदि सभी को सूचित कर दें कि इन सबका ध्यान रखें और social sites को संयम से चलायें।
8. कोई आपत्तिजनक post या video..आदि जो आप recieve करते हैं राजनीति या वर्तमान स्थिति पर सरकार या प्रधानमंत्री के खिलाफ, उसे Send नहीं करें।
9. इस समय किसी राजनीतिक या धार्मिक मुद्दे पर कोई आपत्तिजनक मैसेज लिखना या भेजना अपराध है .....ऐसा करने पर बिना वारंट के गिरफ़्तारी हो सकती है।
10. पुलिस एक नोटिफ़िकेशन निकालेगी ....फ़िर Cyber अपराध... फ़िर action लिया जायेगा।
11. यह बहुत ही गम्भीर है। आप सभी group members, admins ,...इस विषय पर गहराई से सोचिये
12. कोई गलत Message मत भेजिये। सभी को सूचित करें तथा इस विषय पर ध्यान रखें।
13. Please इसे share कीजिये...’


 
यह मैसेज व्हाट्सऐप, फेसबुक और ट्विटर पर काफी शेयर किया जा रहा है।
 
क्या है सच-
 
अयोध्या पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कंफर्म किया है कि वायरल मैसेज फेक है। अयोध्या पुलिस ने एक न्यूज रिपोर्ट की कटिंग शेयर कर वायरल मैसेज का खंडन किया है। इस न्यूज रिपोर्ट का शीर्षक है – ‘सोशल मीडिया के माध्यम से अशांति फ़ैलाने की हो रही है नाकाम कोशिश’। इस रिपोर्ट में वायरल मैसेज को फेक बताया गया है और लिखा गया है कि इस मैसेज के जरिये सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने की कोशिश की जा रही है।


आपको बता दें ये मैसेज पहले भी वायरल हो चुका है। इसी साल फरवरी में जब ये मैसेज वायरल हुआ था, तब भी वेबदुनिया ने इसका फैक्ट चेक किया था। अब इस मैसेज को अयोध्या केस के साथ जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
 
हालांकि, वेबदुनिया की पड़ताल में यह भी पता चला है कि अयोध्या जमीन विवाद पर फैसले के मद्देनजर सरकार और प्रशासन दोनों अलर्ट हैं और अयोध्या में किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति और अफवाह से बचने के लिए सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइंस जारी की गई हैं।
 
न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, योगी सरकार ने 4 पन्नों की गाइडलाइंस जारी की है। इसके तहत-
 
1. अयोध्या में लोगों को अगले दो महीने तक व्हाट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर किसी भी महान हस्ती या देवी-देवताओं पर किसी तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी न करने का आदेश दिया गया है।
 
2. किसी भी तरह के पब्लिक प्रोग्राम, जलसे, रैली, होर्डिंग्स, पोस्टर, पुतला दहन या वॉल पेंटिंग पर रोक है।
 
3. टीवी चैनलों को भी इस दौरान किसी तरह की डिबेट से बचने को कहा गया है। मीडिया के कार्यक्रमों में आपत्तिजनक भाषा, भड़काऊ भाषा आदि पर बैन होगा।
 
4. जिले में किसी भी देवी-देवता की प्रतिमा की स्थापना के लिए प्रशासन की मंजूरी जरूरी होगी।
 
5. पब्लिक सर्वेंट्स के अलावा कोई भी व्यक्ति हथियार या विस्फोटक सामग्री लेकर पब्लिक प्लेस पर नहीं जा पाएगा। लाइसेंस हथियार लेकर भी किसी प्रोग्राम में जाने की अनुमति नहीं है। घरों की छतों पर खाली बोतल-पत्थर आदि जमा नहीं किए जा सकेंगे।
 
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि किसी भी स्थिति में कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ की इजाजत नहीं दी जाएगी, और अगर जरूर पड़ती है तो ऐसा करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रावधान लगाए जाएंगे।

 
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है कि सरकार ने अपने आदेश में किसी का फोन रिकॉर्ड करने, किसी डिवाइस को मंत्रालय से जोड़ने जैसी कोई बात नहीं कही है। हालांकि, लोगों से आपत्तिजनक सामग्री शेयर न करने की अपील की गई है।
 
वेबदुनिया भी अपने सभी पाठकों से अपील करता है कि मोबाइल या सोशल मीडिया पर ऐसा कोई भी मैसेज/फोटो/वीडियो शेयर/फॉरवर्ड न करें, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द बिड़गने की संभावना हो।

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