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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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वट सावित्री पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

वट सावित्री पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
इस बार वट सावित्री पूर्णिमा (Vat Savitri Purnima 2023 Date) शनिवार, 3 जून 2023 को मनाई जाएगी। मान्यतानुसार वट सावित्री पूर्णिमा पर व्रत रखने से परिवार में सुख-शांति आती है तथा पति को दीर्घायु का वरदान मिलता है।

इस व्रत में वट या बरगद के पेड़ के पूजन का विशेष महत्व माना गया है, क्योंकि इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास है। इस दिन सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष को रक्षा सूत्र बांधकर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। आइए यहां जानते हैं वट सावित्री पूर्णिमा पर पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि- 
 
वट सावित्री पूर्णिमा 2023 केा शुभ मुहूर्त : Vat Savitri Purnima 2023 Date n Muhurat 
 
ज्येष्‍ठ शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ- 03 जून 2023, शनिवार को 11.16 ए एम से, 
पूर्णिमा तिथि का समापन- 04 जून 2023, रविवार को 09.11 ए एम पी। 
 
3 जून 2023 : दिन का चौघड़िया
 
शुभ- 07.07 ए एम से 08.51 ए एम
चर- 12.19 पी एम से 02.03 पी एम
लाभ- 02.03 पी एम से 03.47 पी एम
अमृत- 03.47 पी एम से 05.31 पी एम तक। 
 
रात्रि का चौघड़िया
 
लाभ- 07.15 पी एम से 08.31 पी एम
शुभ- 09.47 पी एम से 11.03 पी एम
अमृत- 11.03 पी एम से 04 जून को 12.19 ए एम
चर- 12.19 ए एम से 04 जून को 01.35 ए एम
लाभ- 04.07 ए एम से 04 जून को 05.23 ए एम तक।
 
वट सावित्री पूर्णिमा पूजा विधि : Vat Savitri Purnima Puja Vidhi 
 
1. वट सावित्री पूर्णिमा के दिन सर्वप्रथम सुहागन महिलाएं सुबह उठकर अपने नित्य क्रम से निवृत हो स्नान करके शुद्ध हो जाएं। 
 
2. फिर नए वस्त्र पहनकर सोलह श्रृंगार कर लें। 
 
3. इसके बाद पूजन के सभी सामग्री को डलिया या थाली में सजा लें। 
 
4. वट वृक्ष के नीचे जाकर वहां पर सफाई कर सभी सामग्री रख लें। 
 
5. सबसे पहले सत्यवान एवं सावित्री की मूर्ति स्थापित करें। अब धूप, दीप, रोली, सिंदूर से पूजन करें। 
 
6. लाल कपड़ा सत्यवान-सावित्री को अर्पित करें तथा फल समर्पित करें। 
 
7. फिर बांस के पंखे से सत्यवान-सावित्री को हवा करें। 
 
8. बरगद के पत्ते को अपने बालों में लगाएं। 
 
9. अब धागे को बरगद के पेड़ में बांधकर यथा शक्ति 5, 11, 21, 51 या 108 बार परिक्रमा करें। 
 
10. इसके बाद सावित्री-सत्यवान की कथा पंडित जी से सुनें या कथा स्वयं पढ़ें। 
 
11. इसके बाद घर में आकर उसी पंखे से अपने पति को हवा करें तथा उनका आशीर्वाद लें। 
 
12. उसके बाद शाम के वक्त एक बार मीठा भोजन करें और अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करें।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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