Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

वट सावित्री का व्रत कैसे रखें, कैसे करें पूजा, जानिए पूजा सामग्री की लिस्ट

Webdunia
रविवार, 12 जून 2022 (13:07 IST)
Vat savitri ka vrat kaise rakhe : वट सावित्री का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सौभाग्य और गृहशांति के लिए रखती हैं। यदि कोई महिला पहली बार यह व्रत रख रह हैं तो जानिए कि कैसे रखें इस व्रत को और कैसे करें करें पूजा।
 
 
कैसे रखें वट सावित्री का व्रत : 
निम्न संकल्प लेकर उपवास रखें-
मम वैधव्यादिसकलदोषपरिहारार्थं ब्रह्मसावित्रीप्रीत्यर्थं
सत्यवत्सावित्रीप्रीत्यर्थं च वटसावित्रीव्रतमहं करिष्ये।
 
1. वट पूर्णिमा के एक दिन पूर्व से ही व्रत रखने की तैयारी हो जाती है।
 
2. पूर्णिका के पूर्व ही व्रत रखने का संकल्प लें। 
 
3. पूरे दिन निराहार रहें। जल ग्रहण कर सकते हैं। 
 
4. इस दिन नीले, सफेद या काले कपड़े नहीं पहनना चाहिए।
 
5. पहली बार व्रत रख रही हैं तो इस व्रत का प्रारंभ मायके से किया जाता है।
 
6. सुहाग की सामग्री मायके की ही प्रयोग करनी चाहिए। कपड़े से लेकर सुहाग का सारा सामान मायके का ही होना चाहिए।
 
7. संपूर्ण श्रद्धाभाव और पवित्रता के साथ इस व्रत को रखते हुए मन ही मन स्वयं और पति सहित परिवार के सभी सदस्यों के स्वस्थ रहने की कामना करना चाहिए।
 
8. व्रत के पारण का समय जानकर ही पारण करें और इस व्रत का पारण 11 भीगे हुए चने खाकर करते हैं। 
 
9. वट सावित्री व्रत में आम, चना, पूरी, खरबूजा, पुआ आदि इन सभी चीजों से वट वृक्ष की पूजा की जाती है। जब व्रत पूरा हो जाता है, तब इन्हीं चीजों को खाया जाता है।
 
वट सावित्री पूजा सामग्री : बरगद का फल, धूप, मिट्टी का दीया, फल, फूल, रोली, सिंदूर, अक्षत, जल से भरा कलश, कच्चा सूत या धागा, सुहाग के सामान, बांस का पंखा, लाल रंग का कलावा, भींगे चने, मिठाई, घर में बने हुए पकवान, खरबूजा, चावल के आटे का पीठ, व्रत कथा की पुस्तक आदि।
Vat Savitri Vrat 2022
कैसे करें वट सावित्री की पूजा : 
1. वट सावित्री पूर्णिमा के दिन सर्वप्रथम सुहागन महिलाएं सुबह उठकर अपने नित्य क्रम से निवृत हो स्नान करके शुद्ध हो जाएं। 
 
2. फिर नए वस्त्र पहनकर सोलह श्रृंगार कर लें। 
 
3. इसके बाद पूजन के सभी सामग्री को डलिया या थाली में सजा लें। 
 
4. वट वृक्ष के नीचे जाकर वहां पर सफाई कर सभी सामग्री रख लें। 
 
5. सबसे पहले सत्यवान एवं सावित्री की मूर्ति स्थापित करें। अब धूप, दीप, रोली, सिंदूर से पूजन करें। 
 
6. लाल कपड़ा सत्यवान-सावित्री को अर्पित करें तथा फल समर्पित करें। 
 
7. फिर बांस के पंखे से सत्यवान-सावित्री को हवा करें। 
 
8. बरगद के पत्ते को अपने बालों में लगाएं। 
 
9. अब धागे को बरगद के पेड़ में बांधकर यथा शक्ति 5, 11, 21, 51 या 108 बार परिक्रमा करें। 
 
10. इसके बाद सावित्री-सत्यवान की कथा पंडित जी से सुनें या कथा स्वयं पढ़ें। 
 
11. इसके बाद घर में आकर उसी पंखे से अपने पति को हवा करें तथा उनका आशीर्वाद लें। 
 
12. उसके बाद शाम के वक्त एक बार मीठा भोजन करें और अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करें।
 
 
वट सावित्री पूर्णिमा व्रत पूजा का मंत्र : ओम नमो ब्रह्मणा सह सावित्री इहागच्छ इह तिष्ठ सुप्रतिष्ठिता भव।
 
निम्न श्लोक से सावित्री को अर्घ्य दें-
अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते।
पुत्रान्‌ पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तुते।।
 
निम्न श्लोक से वटवृक्ष की प्रार्थना करें-
यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले।
तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मा सदा।।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें 24 नवंबर का राशिफल

24 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

24 नवंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

આગળનો લેખ
Show comments