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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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यदि ऐसा नहीं है घर की दीवारों का रंग तो परेशानी में पड़ जाएंगे

यदि ऐसा नहीं है घर की दीवारों का रंग तो परेशानी में पड़ जाएंगे

अनिरुद्ध जोशी

रंगों का हमारे जीवन में बहुत बहुत असर होता है। वास्तु के अनुसार ही घर के पर्दे, चादर, कपड़े और दीवारों तक का रंग होना चाहिए। यदि आप इसका ध्यान रखते हैं तो आने वाली बहुत-सी परेशानियों से बच जाएंगे। इस बार जानिए कि कैसा रखें आप अपने घर की दीवारों का रंग?
 
1. उत्तर की दीवार-
घर का उत्तर का भाग जल तत्व प्रधान होता है। इसे धन और लक्ष्मी का स्थान भी कहा जाता है अत: इस स्थान को स्वच्छ, पवित्र और खाली रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार इसकी साज-सजा में हल्के हरे रंग या पिस्ता हरे रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए। हालांकि आप आसमानी रंग का प्रयोग भी कर सकते हैं। इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। यदि यहां अन्य किसी भी प्रकार के गहरे रंगों का प्रयोग किया तो आर्थिक हानि तो होगी ही, साथ ही अन्य परेशानियां भी खड़ी हो सकती हैं। यह दिशा हवा से जुड़ी है।
 
 
2. उत्तर-पूर्व की दीवार-
उत्तर-पूर्व को ईशान कोण कहते हैं। इस दिशा में देवता निवास करते हैं। यह भगवान शिव की दिशा भी मानी जाती है। इस दिशा में आकाश ज्यादा खुला होता है। इस दिशा की दीवार का रंग आसमानी, सफेद या हल्के बैंगनी रंग का होना चाहिए। हालांकि इसमें पीले रंग का प्रयोग इसलिए करना चाहिए, क्योंकि यह देवी और देवताओं का स्थान होता है।
 
 
3. पूर्व की दीवार-
पूर्व की दीवार पर सफेद या हल्का नीला रंग कर सकते हैं।
 
4. दक्षिण-पूर्व की दीवार- नारंगी या सफेद
घर का दक्षिण-पूर्व का भाग अग्नि तत्व का माना जाता है। इस स्थान की साज-सज्जा में नारंगी, पीले या सफेद रंग का प्रयोग उचित होता है। इसे आग्नेय कोण कहते हैं। यह किचन का स्थान है।
 
5. दक्षिण की दीवार-
दक्षिण भाग में नारंगी रंग का प्रयोग करना चाहिए। इससे स्फूर्ति और उत्साह बना रहेगा। यदि यहां शयन कक्ष है तो गुलाबी रंग का प्रयोग कर सकते हैं।
 
6. दक्षिण-पश्चिम की दीवार-
दक्षिण-पश्चिम की दीवार या कक्ष को नैऋत्य कोण कहा जाता है। इसमें भूरे, ऑफ व्हाइट या भूरा या हरा रंग प्रयोग करना चाहिए।
 
7. पश्‍चिम-
पश्चिम की दीवार या कक्ष के लिए नीले रंग की सलाह दी जाती है। आप नीले रंग के साथ बहुत कम मात्रा में सफेद रंग का उपयोग भी कर सकते हैं। यह वरुणदेव का स्थान भी माना जाता है, जो जल के देवता हैं।
 
8. पश्‍चिम-उत्तर की दीवार-
इसे वायव्य कोण कहते हैं। वायव्य दिशा में बने ड्राइंग रूम में हलका स्लेटी, सफेद या क्रीम रंग का प्रयोग भी किया जा सकता है।
 
पुनश्च:- उत्तर- हरा, ईशान- पीला, पूर्व- सफेद, आग्नेय- नारंगी या सिल्वर, दक्षिण- नारंगी, गुलाबी या लाल, नैऋत्य- भूरा या हरा, पश्‍चिम- नीला, वायव्य- स्लेटी या सफेद।

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