Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

वास्तु में ईशान कोण का क्यों है इतना महत्व, जानिए ईशान कोण के बारे में सब कुछ

Webdunia
सोमवार, 11 जुलाई 2022 (18:12 IST)
Ishan disha mein kya rakhenge : दस दिशाएं होती हैं। पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर, ईशान, नीचे और ऊपर। उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा को ईशान दिया या ईशान कोण कहते हैं। आओ जानते हैं कि वास्तु और ज्योतिष में क्या है इसका महत्व। 
 
1. ईशान है देवताओं की दिशा : शिवजी का एक नाम है ईशान। इस दिशा में सभी देवी और देवता निवास करते हैं।
 
2. खुला आकाश : ईशान कोण में धरती का आकाश ज्यादा खुला और उजला नजर आता है क्योंकि हमारी धरती इसी कोण में उठी हुई है या कहें कि झुकी हुई है।
 
3. ईशान कोण के स्वामी : ईशान कोण के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं और देवता ब्रह्मा है। इसीलिए इस दिशा का गुरुवार नियुक्त है। अत: इस कोण में पीतवर्ण का उपयोग किया जाना चाहिए। इससे कोई से ही सांसारिक और आध्यात्मिक सुख एवं समृद्धि तय होती है। इस कोण को अच्छे से डेकोरेट करके रखना चाहिए।

4. जल की स्थापना : ईशान कोण में जल तत्व की स्थापना की जाती है। घर की इस दिशा में हैंडपंप, बोरिंग, होद या कुआं बनवाया जा सकता है। यहां पर मटके या घड़े में जल भरकर रखा जा सकता है या यहां जल की स्थापना की जानी चाहिए। घर में पंडेरी और बाहर स्वीमिंग पूल बनाया जा सकता है।
 
5. पूजाघर : वास्तु के अनुसार यहां पर पूजाघर बनवाया जा सकता है लेकिन किसी लाल किताब के जानकार से पूछकर ही पूजा घर बनवाएं।  
5. स्वच्‍छ और रिक्त रखें : यह कोण धन, स्वास्थ्य ऐश्वर्य, वंश में वृद्धि कर उसे स्थायित्व प्रदान करने वाला है अत: इस कोण को भवन में सदैव स्वच्छ एवं पवित्र रखना चाहिए।
 
6. मुख्‍य द्वार : घर के मुख्य द्वार का इस दिशा में होना वास्तु की दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है। यदि आपका मकान ईशानमुखी है तो अति उत्तम है। बस आपको शौचालय, किचन और शयन कक्ष को वास्तु के अनुसार रखना चाहिए। यदि दरवाजा ईशान में है तो यह शांति, उन्नती, समृद्धि और खुशियों का खजाना है। उत्तर और ईशान के दारवाजों में ध्यान रखने वाली खास बात यह है कि सर्दियों में घर में ठंडक रहती है तो गर्माहट का अच्छे से इंतजाम करें। साथ ही ईशान कोण के दारवाजे के बाहर का वास्तु भी अच्छा होना चाहिए। इस दिशा से भी लगातार वायु का प्रवाह बना रहता है।
 
7. तिजोरी : कहते हैं कि यहां पैसा, धन और आभूषण रखने वाला घर का मुखिया बुद्धिमान माना जाता है। यह भी मान्यता है कि यह उत्तर-ईशान में रखे हों तो घर की एक कन्या और यदि पूर्व ईशान में रखे हों तो पुत्र बहुत बुद्धिमान और प्रसिद्ध होता है।
 
8. प्लांट : इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाया जा सकता है। इसके अलावा केल और केला, लटजरी, पाकड़ और आंवला का पौधा भी लगा सकते हैं।
9. ईशान दोष : उल्लेखनीय है कि ईशान कोण में किसी भी प्रकार का दोष है और कुंडली में भी गुरु पीड़ित है तो जातक में पूजा पाठ के प्रति विरक्ति, देवता, धर्म और गुरुओं पर आस्था में कमी, आय में कमी, संचित धन में कमी, विवाह में देरी, संतानोत्पत्ति में देरी, मूर्च्छा, उदर विकार, कान का रोग, गठिया, कब्ज, अनिद्रा आदि कष्ट होने की संभावना रहती है। इसीलिए ईशान दिशा में भारी सामान नहीं रखते हैं, शनि, राहु, केतु और बुध से संबंधित सामान भी नहीं रखते हैं।

सम्बंधित जानकारी

ज़रूर पढ़ें

इस धनतेरस अपनी राशि के अनुसार खरीदें ये वस्तुएं, लक्ष्मी माता की कृपा से हमेशा भरी रहेगी तिजोरी

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

दिवाली क्यों मनाई जाती है? जानें इतिहास, महत्व और कहानी

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

किसके लिए नया सप्ताह रहेगा लकी, पढ़ें 12 राशियों का साप्ताहिक राशिफल

सभी देखें

नवीनतम

25 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 अक्टूबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

Rama ekadashi date time: रमा एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व और कथा

Guru pushya nakshatra: पुष्य नक्षत्र इस बार 24 घंटे 44 मिनट तक का, कल भी कर सकते हैं खरीदारी

આગળનો લેખ
Show comments