घर चाहे स्वयं का बनाया हो या फिर किराये का। जब हम प्रवेश करते हैं तो नई आशा, नए सपने, नई उमंग स्वाभाविक रूप से मन में हिलोर लेती है। नया घर हमारे लिए मंगलमयी हो, प्रगतिकारक हो, यश, सुख, समृद्धि और सौभाग्य की सौगात दें यही कामना होती है। आइए जानें 20 जरूरी बातें जो आपको नए घर में प्रवेश के समय याद रखनी चाहिए।
1. सबसे पहले गृह प्रवेश के लिए दिन, तिथि, वार एवं नक्षत्र को ध्यान में रखते हुए, गृह प्रवेश की तिथि और समय का निर्धारण किया जाता है। गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान जरुर रखें। एक विद्वान ब्राह्मण की सहायता लें, जो विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण कर गृह प्रवेश की पूजा को संपूर्ण करता है।
2. माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ माह को गृह प्रवेश के लिए सबसे सही समय बताया गया है। आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष इसके लिहाज से शुभ नहीं माने गए हैं।
3. मंगलवार के दिन भी गृह प्रवेश नहीं किया जाता विशेष परिस्थितियों में रविवार और शनिवार के दिन भी गृह प्रवेश वर्जित माना गाया है। सप्ताह के बाकि दिनों में से किसी भी दिन गृह प्रवेश किया जा सकता है। अमावस्या व पूर्णिमा को छोड़कर शुक्लपक्ष 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12, और 13 तिथियां प्रवेश के लिए बहुत शुभ मानी जाती हैं।
4. पूजन सामग्री- कलश, नारियल, दीपक, फूल शुद्ध जल, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, धूपबत्ती, पांच शुभ मांगलिक वस्तुएं, आम या अशोक के पत्ते, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध आदि।
5. मंगल कलश के साथ नए घर में प्रवेश करना चाहिए।
6. घर को बंदनवार, रंगोली, फूलों से सजाना चाहिए।
7. मंगल कलश में शुद्ध जल भरकर उसमें आम या अशोक के आठ पत्तों के बीच नारियल रखें।
8. कलश व नारियल पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं।
9. नए घर में प्रवेश के समय घर के स्वामी और स्वामिनी को पांच मांगलिक वस्तुएं नारियल, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध अपने साथ लेकर नए घर में प्रवेश करना चाहिए।
10. भगवान गणेश की मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख, श्री यंत्र को गृह प्रवेश वाले दिन घर में ले जाना चाहिए।
11. मंगल गीतों के साथ नए घर में प्रवेश करना चाहिए।
12. पुरुष पहले दाहिना पैर तथा स्त्री बांया पैर बढ़ा कर नए घर में प्रवेश करें।
13. इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए गणेश जी के मंत्रों के साथ घर के ईशान कोण में या फिर पूजा घर में कलश की स्थापना करें।
14. रसोई घर में भी पूजा करनी चाहिये। चूल्हे, पानी रखने के स्थान और स्टोर आदि में धूप, दीपक के साथ कुमकुम, हल्दी, चावल आदि से पूजन कर स्वास्तिक चिन्ह बनाना चाहिए।
15. रसोई में पहले दिन गुड़ व हरी सब्जियां रखना शुभ माना जाता है।
16. चूल्हे को जलाकर सबसे पहले उस पर दूध उफानना चाहिए।
17. मिष्ठान बनाकर उसका भोग लगाना चाहिए।
18. घर में बने भोजन से सबसे पहले भगवान को भोग लगाएं।
19. गौ माता, कौआ, कुत्ता, चींटी आदि के निमित्त भोजन निकाल कर रखें।
20. ब्राह्मण को भोजन कराएं या फिर किसी गरीब भूखे आदमी को भोजन करा दें। इससे घर में सुख, शांति व समृद्धि आती है व हर प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं।
अक्सर किसी के नए घर की वास्तु पूजा हो तो यह प्रश्न उठता है कि क्या उपहार दिया जाए। कुछ ऐसा जो घर के मालिक को तो अच्छा लगे ही साथ ही उनके घर के लिए भी शुभ हो। वास्तु के अनुरूप भी हो और कलात्मक दृष्टि से भी आकर्षक हो। आइए जानें वास्तु के अनुसार कि कौन सा उपहार नए घर के लिए शुभ होता है।
1. हाथी : सभी शास्त्र और पुस्तक इस बात को लेकर एकमत हैं नए घर के शुभारंभ में हाथी या हाथी का जोड़ा देना अत्यंत शुभ होता है। एक बड़ा कलात्मक हाथी जो चाहे चांदी-सोने का हो, पीतल या कांसे का हो, संगमरमर का हो या टेराकोटा का ... वुडन का नक्काशीदार हो या फाइबर ऑप्टिक का, आप अपनी जेब के अनुसार चयन कर सकते हैं। यहां तक कि हाथी की पेंटिंग भी शुभ होती है। शास्त्रों में हाथी को गृहस्थी, सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य,सौभाग्य और वैभव का प्रतीक माना गया है। घर के वास्तु में इसे देने से घर के मालिक की आय में वृद्धि होती है और रिश्तों में भी मिठास रहती है। नौकरीपेशा, गृहस्थ और नवदंपत्ति के घर के लिए यह आश्चर्यजनक रूप से फलदायक है।
2. अश्व : सात सफेद अश्वों की तस्वीर फेंगशुई में शुभ मानी जाती है। भारतीय शास्त्र भी कहते हैं कि किसी के घर की वास्तु पूजा में शामिल होना है तो घोड़े की तस्वीर भेंट में देना शुभ होता है। अगर घर के मालिक व्यवसायी हैं तब तो यह और भी शुभ है उनके लिए। अगर उनके घर में करियर की राह तलाशते बच्चे हैं तो यह तस्वीर उनके लिए मददगार होगी। नौकरीपेशा के लिए यह सामान्य रूप से लाभदायक है लेकिन बिजनेसमैन के लिए कमाल की शुभता लेकर आती है घोड़े की तस्वीर।
3. दो तरफा गणेश : ऐसी प्रतिमा या तस्वीर जिसके दोनों तरफ गणेश जी बने हो, यह उपहार उन लोगों के लिए है जिनका बड़ा बंगला बना है और परिवार भी बहुत बड़ा है। जो लोग संयुक्त रूप से रहते हैं उनके लिए यह उपहार श्रेष्ठ है। शास्त्रों में कहा गया है कि गणेश जी की पीठ के पीछे दरिद्रता रहती है अत: ऐसी प्रतिमा जिनमें दोनों तरफ गणेश जी का मुख ही दिखाई दे वह परिवार के लिए कल्याणकारी है। ऐसी प्रतिमा घर में निरंतर मंगल की सूचना लाती है और यह मुख्य द्वार पर ही लगाई जाती है। ध्यान रहे कि गणेश कभी भी लटकाने या टांगने वाले ना दें बल्कि जो मुख्य द्वार के ऊपर दीवार पर चस्पां किए जा सके वही दें। एक और बात कभी भी गणेश का सिर्फ चेहरा ना दें बल्कि पूर्ण रूप से जिनका विग्रह दिखाई दें ऐसे गणेश को प्राथमिकता दें।
4. परिधान : यह बरसों पुरानी परंपरा है कि नए घर के वास्तु पर परिजन घर के मालिक को वस्त्र इत्यादि देते हैं। यह परंपरा सच में मंगलकारी है। जहां वास्तु पूजा हो रही है वहां पर घर के पूरे परिवार को परिधान और नकद राशि देना सौभाग्य सूचक है। यह लेने और देने वाले दोनों पक्ष के लिए शुभकारी है। घर के बड़े से लेकर छोटे से छोटे सदस्य को भी उपहार या नकद देना चाहिए। अगर घर के मालिक घनिष्ठ हैं, रिश्तेदार हैं तो सोचने की आवश्यकता नहीं, वस्त्र ही दीजिए आपको बस इतना सोचना है कि उनके परिधान/कपड़े/साड़ी आदि कहां से लेने हैं।
5. पियोनिया के फूल : पियोनिया के फूल को फूलों की रानी कहा जाता है। पियोनिया के फूल सौंदर्य, प्रेम एवं रोमांस के प्रतीक माने जाते हैं। यह फूल सामान्यत: स्त्रियों से संबंधित माना जाता है। अगर किसी परिवार में विवाह योग्य लड़कियां हैं तो उनके घर के शुभारंभ के अवसर पर बैठक (ड्राइंग रूम) के लिए पियोनिया के फूल या फूल की पेंटिंग दें। इससे परिवार के सौभाग्य में वृद्धि होती है तथा लड़कियों को शीघ्र योग्य वर की प्राप्ति होती है। इसे प्राय: बैठक के दक्षिण-पश्चिम दिशा के कोने में रखना चाहिए। ऐसा करने से फूल की भांति घर में जल्द ही प्रसन्नता की लहर दौड़ जाती है।
6. अन्य : सामान्यत: नए घर के शुभारंभ के अवसर पर दैनिक उपयोग की वस्तुएं, साजसज्जा सामग्री आदि दी जाती है। लेकिन कोशिश करें कि जो उपहार आप दे रहे हैं वह मालिक-मकान के लिए शुभ हो। मकान बनना मंगल की शुभता का संकेत है। अत: मिट्टी/टेराकोटा से बनी कोई भी सामग्री हर किसी के लिए मंगलकारी है। मिट्टी मंगल का प्रतीक है और मंगल पृथ्वी के पुत्र माने गए हैं लेकिन यह ध्यान रखें कि गृहस्वामी को लाल रंग की कोई वस्तु भूलकर भी ना दें। अगर नवदंपत्ति का मकान है तो उन्हें लड्डूगोपाल की प्रतिमा देना शुभकारी होगा। यह उपहार संतान प्राप्ति के लिए दिया जाता है। शास्त्रों में नए घर के शुभारंभ पर चांदी देना मंगलमयी माना गया है जबकि सोना देना निषेध कहा गया है।