वैसे दिशाएं 10 होती हैं, लेकिन एक 11वीं दिशा भी होती है जिसे मध्य में माना जा सकता है अर्थात आकाश की दिशा। घर की दिशाओं में सबसे आखिरी और बेहद महत्वपूर्ण दिशा है घर की मध्य दिशा। यह दिशा घर के बिलकुल बीचोंबीच होने के कारण घर की हर दिशा से जुड़ी होती है इसीलिए किसी भी दिशा का नकारात्मक प्रभाव इस दिशा पर होना आम बात है। आओ जानते हैं कि इसके खराब होने के नुकसान और अच्छे होने के फायदे।
नुकसान
बहुत से घरों में देखा गया है कि बीच में गड्ढा होता है। हो सकता है कि घर के बीचोबीच कोई खंभा गड़ा हो, टॉयलेट या वॉशरूम बना हो या किसी भी प्रकार का भारी सामान रखा हो। अक्सर लोग यदि 15 बाई 50 या 20 बाई 60 का मकान है, तो उसके बीचोबीच लेट-बाथ बना लेते हैं। इस स्थान पर भारी सामान रखना या निर्माण कार्य करना भी गलत है। यदि मध्य भाग खराब है तो ब्रह्मा का यह स्थान केतु का स्थान बन जाता है।
केतु के स्थान बनने के बाद ऐसे घरों में कुछ न कुछ घटनाक्रम चलते ही रहते हैं। बीमारी, दुख पीछे लगे ही रहते हैं या घर के सदस्यों के दिमाग में शांति नहीं रहती है। इससे घर-परिवार में सहजता और सृजनात्मक गतिविधियों का ह्रास होता है। घर में ऐसा हो तो परिवार में सुख-शांति घटती है। रहने वालों के बीच दूरियां बढ़ती हैं। संबंधों में गरमाहट कम होती है।
फायदा
मध्यभाग का ईशान की तरह खाली और साफ स्वच्छ होना जरूरी है। परेशानियों से घिरे रहने वाले इस घर के मध्यभाग को ठीक कर देने से सभी ठीक होने लगता है। आपसी संबंध मधुर रहते हैं। घर में धन, समृद्धि अर शांति की बनी रहती है। मानसिक शांति और निरोगी काया रहती है। घर के सभी सदस्य तरक्की करते रहते हैं।