Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

वसंत पंचमी पर कविता : महकै लाग बा उपवन फिर से...

वसंत पंचमी पर कविता : महकै लाग बा उपवन फिर से...
webdunia

शम्भू नाथ

-शम्भू नाथ कैलाशी
 
महकै लाग बा उपवन फिर से,
चहकै लाग बा माली।
मधुमास आगमन सुन के अब तो,
हंसय लाग बा क्यारी।
 
मुस्काय कली जब करय ठिठोली, 
हीलय लागय डाली।
व्याकुल भ्रमर रस चूस सकय न, 
करबय हमहू रखवाली।
 
कोयल पतझड़ भांप रही है,
बोलेगी बोली प्यारी। 
यौवन से सज-धज-कर घर में,
आवयगी घरवाली। 
 
पेड़ से जब-जब गिरेंगे पत्ते,
धरा बजाय ताली।
कुछ दिन में जो घने हैं जंगल,
लगेंगे खाली-खाली।
 
उड़ेगी खुशबू जब फूलों से,
फलों की आएगी बारी।
केसू खिलेंगे अब वन-उपवन,
छाएगी लाली-लाली। 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

19 जनवरी 2018 का राशिफल और उपाय...