वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी और उनके बेटे रोहित शेखर बुधवार को अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए। तिवारी पार्टी में अपनी अनदेखी से नाराज थे और अपने बेटे को विधानसभा चुनाव में टिकट भी दिलवाना चाहते थे।
91 वर्ष के एनडी तिवारी तीन बार अविभाजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2002 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वह 2002 से 2007 तक इस राज्य के भी सीएम रहे। साल 1986-1987 में, वह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कैबिनेट में विदेश मंत्री के तौर पर कार्यरत रहे।
साल 2007 से 2009 तक आंध्रप्रदेश के राज्यपाल पद पर थे। 2009 में एक सेक्स स्कैंडल में नाम आने पर उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा।
2014 चुनाव से पहले एनडी तिवारी की नजदीकी समाजवादी पार्टी के साथ भी बढ़ी थी। हाल ही में भी तिवारी ने निकटता बनाने की कोशिश की थी इसी कड़ी में उन्होंने मुलायम सिंह को पत्र लिखकर पार्टी की कमान अखिलेश को देने की अपील की थी।
हाल में, उत्तराखंड में चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस को तब करारा झटका लगा जब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य भी भाजपा में शामिल हो गए थे। राज्य के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा समेत 9 कांग्रेस एमएलए भी भाजपा में शामिल हो गए थे।
उत्तराखंड में फरवरी में चुनाव हैं। मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है। ऐसे में कांग्रेस के कद्दावर और सबसे पुराने नेताओं में से एक का बीजेपी में चले जाना पार्टी को सवालों के घेरे में ला सकता है।