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राम के क्षेत्र अयोध्या जनपद में 'अमानवीयता', सामान्य मौत में भी नहीं मिले 4 कंधे...

राम के क्षेत्र अयोध्या जनपद में 'अमानवीयता', सामान्य मौत में भी नहीं मिले 4 कंधे...
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संदीप श्रीवास्तव

, शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021 (23:48 IST)
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्भूमि के नाम से विख्यात अयोध्या नगरी जहां मानवता के तमाम किस्सों के लिए प्रसिद्ध है, वहीं कोरोना काल मेंं कई ऐसी घटनाएं घटित हो रही हैं जो इस नगरी की कीर्ति को कलंकित कर रही हैं, मानवता को भी शर्मसार कर रही हैं। 
 
ऐसी ही एक घटना अयोध्या जनपद में घटी जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया। कोरोना संक्रमण के भय से लोगों के मन से मानवता भी मरती जा रही है। हालात यह हो गए हैं कि सामान्य मौत होने पर भी लोग ना तो शव को कंधा लगा रहे हैं और ना ही उसके अंतिम संस्कार में जा रहे हैं।
 
अयोध्या जनपद के सहादतगंज के रहने वाले चंदभूषण की सामान्य मौत हो गई। उनकी चार बेटियां हैं। दो बेटियां घर पर ही थीं, जबकि दो अन्य बाहर थीं। उनकी मौत के बाद शव को कंधा लगाने के लिए उनका न उनका कोई रिश्तेदार खड़ा हुआ न ही कोई पड़ोसी।
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बेटियों ने अपने पिता की अर्थी उठाने के लिए लोगों से मदद मांगी, लेकिन मानवताविहीन समाज से किसी की आवाज नहीं आई। कोई भी व्यक्ति मदद के लिए आगे नहीं आया। अंततः मृत चंद्रभूषण की दोनों बेटियों ने अपने पिता की अर्थी तैयार की और उसे कंधा लगाते हुए अनजान गरीब ऑटो वाले की मदद से श्मशान घाट ले गईं, जहां अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।
 
स्थिति यह थी कि इन लड़कियों के पास अपने पिता के अंतिम संस्कार करने के लिए लकड़िया व अन्य व्यवस्था के लिए पैसा भी नहीं था। उस समय समाजसेवी रीतेश दास भगवान के रूप में इन लाचार बेटियों की मदद के लिए खडे हुए। उन्होंने इनके पिता के अंतिम संस्कार करने के लिए लकड़िया इत्यादि कि व्यवस्था कराकर अंतिम संस्कार में मदद करवाई।

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