लखनऊ। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में होने वाले कुंभ के आयोजन को लेकर प्रदेश सरकार किसी भी प्रकार की कोर- कसर नहीं छोड़ रही है। राज्य में होने वाले कुंभ को लेकर किस किसको और कैसे आमंत्रित करना है, इसको लेकर भी सरकार ने रूपरेखा तैयार कर ली है।
सीधे तौर पर कहा जा सकता है कि प्रदेश सरकार कुंभ को राष्ट्रीय स्तर पर महाआयोजन का रूप देने में जुटी हुई है। इसी के मद्देनजर कुंभ के आयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि पर्यटन के विकास के लिए उत्तर प्रदेश मे बेहतरीन संभावनाएं हैं।
राम, कृष्ण, बुद्ध के अलावा यह सूफी संतों की धरती है.काशी, मथुरा, अयोध्या, नैमिषारण्य और शक्तिपीठों के नाते यहां धार्मिक एवं अध्यात्मिक, दुधवा और सोनभद्र जैसी जगहों की वजह से इको टूरिज्म और बुंदेलखंड में हेरिटेज टूरिज्म के विकास की असीम संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री के मुताबिक वाराणसी में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन के पूर्व 192 देशों के राजनयिक कुंभ देखने इलाहाबाद आएंगे। इसके लिए उनको आमंत्रण भेजा जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि देश के सभी छह लाख गांवों से भी कम से कम एक-दो लोगों का कुंभ में प्रतिनिधित्व हो। इसको लेकर भी सरकार रूपरेखा तैयार कर रही है।
जनवरी से मार्च 2019 के प्रथम सप्ताह तक होने वाले दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक और अध्यात्मिक आयोजन कुंभ में करीब 12 करोड़ लोगों के आने की संभावना है।