लखनऊ। पिछले दिनों लुलु मॉल में नमाज पढ़ने का मामला गर्माया था। उत्तरप्रदेश पुलिस ने इस मामले में4 आरोपियों को मंगलवार सुबह गिरफ्तार कर लिया है। 4 अन्य की तलाश की जा रही है। आरोपियों में से कोई भी लुलु मॉल का कर्मचारी नहीं है।
पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि मॉल में अनधिकृत रूप से नमाज पढ़ने को लेकर 4 लोगों को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। उनकी पहचान मो. रेहान और आतिफ खान, मो. लोकमान और मो. नोमान के रूप में की गई है। वे सभी लखनऊ के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि 4 अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार रात कहा कि लखनऊ प्रशासन को बहुत गंभीरता से इसे लेना चाहिए और इस प्रकार की किसी भी शरारत को स्वीकार नहीं करना चाहिए। उसे ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटना चाहिए, जो अनावश्यक मामलों को बढ़ावा देकर माहौल खराब करने का प्रयास करते हैं।
गौरतलब है कि बुधवार यानी 13 जुलाई को लुलु मॉल में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इन चारों की गिरफ्तारी की है। इसी मामले पर दक्षिणपंथी संगठन अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के कुछ सदस्यों ने गुरुवार 14 जुलाई को लुलु मॉल के गेट पर धरना-प्रदर्शन किया था।
खुद को महासभा का राष्ट्रीय प्रवक्ता बताने वाले शिशिर चतुर्वेदी ने आरोप लगाया था कि एक समुदाय विशेष के लोगों को मॉल के अंदर नमाज पढ़ने की अनुमति दी जा रही है। उन्होंने कहा था कि तब तो मॉल के अधिकारियों को हिन्दुओं तथा अन्य धर्मावलंबियों को भी मॉल के अंदर प्रार्थना करने की इजाजत देनी चाहिए।
इस बीच लुलु मॉल के महाप्रबंधक समीर वर्मा ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि लुलु मॉल सभी धर्मों का आदर करता है। मॉल के अंदर किसी भी तरह का धार्मिक कार्य या इबादत की इजाजत नहीं है। हम अपने स्टाफ तथा सुरक्षाकर्मियों को ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने का प्रशिक्षण देते हैं।
गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश के सबसे बड़े मॉल कहे जा रहे लुलु मॉल का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 जुलाई को उद्घाटन किया था। इस दौरान राज्य सरकार के कई मंत्री तथा लुलु समूह के अध्यक्ष युसूफ अली भी मौजूद थे।(भाषा)