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बेहमई कांड के वादी व मुख्य गवाह न्याय की आस लिए दुनिया को कह गए अलविदा

बेहमई कांड के वादी व मुख्य गवाह न्याय की आस लिए दुनिया को कह गए अलविदा

अवनीश कुमार

, गुरुवार, 21 अक्टूबर 2021 (15:19 IST)
कानपुर देहात। पूरे देश में चर्चित बेहमई कांड में 40 साल पहले बेहमई गांव में दस्यु फूलन के गिरोह के नरसंहार में गोली का शिकार होकर घायल हुए मुख्य गवाह जंटर सिंह ने भी न्याय की आस लिए दुनिया को अलविदा कह दिया है। परिजनों ने बताया है कि वे पिछले कई दिनों से बीमारी से लड़ रहे थे और उनका इलाज लखनऊ के पीजीआई में चल रहा था। आज गुरुवार सुबह उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनके अंतिम संस्कार के लिए उन्हें पैतृक गांव बेहमई ले जाया जा रहा है।
 
न्याय की आस रह गई अधूरी- बेहमई कांड के वादी व मुख्य गवाह 65 वर्षीय जंटर सिंह ने अंतिम सांस ली। उनकी मौत की सूचना बेहमई गांव आते ही शोक की लहर छा गई। ग्रामीणों व परिजनों का कहना है कि बेहमई कांड में जंटर ने राजाराम के साथ बराबर पैरवी की और चाहते थे कि दोषियों को आंख के सामने सजा मिले लेकिन उनकी आस अधूरी रह गई।
 
मुकदमे में नहीं पड़ेगा फर्क- बेहमई कांड में न्याय की आस लिए कई वादी अलविदा कह चुके हैं जिसके बाद कांड में अपनों को खोने वाले लोगों के परिजनों की आस टूटती हुई नजर आ रही है। सिंह की मौत की खबर के बाद गांव में चर्चा हो रही है कि न्याय की आस लिए ऐसे जाने कितनी पीढ़ियां चली जाएंगी लेकिन न्याय नहीं मिलेगा। वहीं डीजीसी एडवोकेट राजू पोरवाल का कहना है कि जंटर सिंह की गवाही पहले ही हो चुकी है और उनके निधन से मुकदमे में कोई फर्क नहीं आएगा और निश्चित तौर पर अपनों को खो चुके लोगों को न्याय मिलेगा।
 
क्या था बेहमई कांड- कानपुर देहात के बेहमई गांव 14 फरवरी 1981 को उस समय देश-दुनिया में चर्चा में आया था, जब दस्यु फूलन गिरोह ने गांव में धावा बोलकर गांव वालों को एक लाइन में खड़ा करके गोलियों की बौछार कर दी थी। इस नरसंहार में 20 लोग मारे गए थे और कुछ लोग गोली लगने से जख्मी हुए थे। गोली लगने से घायल हुए गांव के जंटर सिंह भी थे, जो पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मुकदमे में मुख्य गवाह थे। गांव में रहने वाले राजाराम की ओर से मुकदमा दर्ज करके वादी बनाया गया था। वादी राजाराम ही अदालत में मुकदमे की पैरवी करते आ रहे थे। बीते दिनों उनका निधन हो जाने पर जंटर सिंह अदालत में पैरवी कर रहे थे।

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