नई दिल्ली। कानून मंत्रालय ने चुनाव आयोग की ओर से आए इस सुझाव को मान लिया है कि अब अपने वोटर आईडी को भी आधार कार्ड से लिंक कराना जरूरी होगा। लेकिन इसके साथ ही मंत्रालय ने यह भी साफतौर पर कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस प्रोसेस में डेटा चोरी होने से रोकने के पुख्ता इंतजाम भी हों।
'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के अनुसार आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड के साथ लिंक करने के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ हामी भरी है। इसकी मंजूरी के बाद अब चुनाव आयोग को वोटर आईडी कार्ड के साथ आधार कार्ड लिंक करने का कानूनी अधिकार मिल सकता है।
फरवरी 2015 में चुनाव आयोग ने इससे पहले मतदाता फोटो पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की कवायद शुरू की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा आधार के इस्तेमाल पर रोक लगाने की वजह से अगस्त में यह कवायद निलंबित कर दी गई थी। लेकिन इससे पूर्व चुनाव आयोग ने पहले ही आधार से 38 करोड़ वोटर कार्ड लिंक कर लिए थे।
फर्जी मतदाता होंगे बाहर : चुनाव आयोग ने तर्क दिया कि आधार के साथ मतदाता कार्डों की सीडिंग से फर्जी मतदाता बाहर हो जाएंगे और यह राष्ट्रहित में रहेगा। लेकिन आधार नंबर नहीं देने की स्थिति में किसी भी नाम न तो मतदाता सूची से हटाया जाएगा और न हीं उन्हें इनरॉलमेंट देने से रोका जाएगा।