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FD के लौटेंगे अच्छे दिन, महंगे होंगे Loan, क्या होगा आम आदमी के बजट पर असर?

नृपेंद्र गुप्ता
गुरुवार, 5 मई 2022 (15:01 IST)
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट को बढ़ाकर 4.40 फीसदी करने के फैसला का आम आदमी पर सीधा असर पड़ेगा। इससे होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे जबकि एफडी पर लोगों को ज्यादा ब्याज मिलेगा।
 
बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाने का कदम महंगाई पर काबू करने के लिए किया जाता है। इससे लोगों में बचत की प्रवृति बढ़ती है और लोन लेने पर उन्हें ज्यादा ब्याज चुकाना होता है। हालांकि जिन लोगों ने बैंकों से लोन ले रखा है, उन्हें ज्यादा EMI चुकानी होगी। इससे उनका मासिक बजट भी गड़बड़ा जाएगा।
 
जनता पहले ही महंगाई से परेशान है ऐसे में फ्लोटिंग दरों पर होम लोन लेने वालों की EMI बढ़ेगी। हालांकि उन लोगों पर इसका असर नहीं होगा जिनके पर्सनल लोन या ऑटो लोन की किश्तें कट रही है। हां, अगर कोई नया लोन लेना चाहता है तो उसे अभी की अपेक्षा ज्यादा ब्याज चुकाना होगा।
 
फिर बढ़ सकती है रेपो दर : देश में इन दिनों पेट्रोल डीजल के दाम उच्चतम स्तर पर है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से क्रूड ऑइल के साथ ही खाद्य तेलों के दाम भी उछाल पर है। इधर अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर गेहूं की कमी से इसके दाम भी बढ़ सकते हैं। इस वजह से खाद्य वस्तुओं के साथ ही सभी वस्तुओं के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। आरबीआई का भी मानना है कि आने वाले दिनों में महंगाई और बढ़ सकती है। ऐसे में रेपो दर फिर बढ़ाई जा सकती है।
 
CRR बढ़ने से क्या होगा नुकसान : रिजर्व बैंक ने CRR भी बढ़ाकर 4.5 कर दी। इस वजह से इससे बैंकों की नकदी 87000 करोड़ रुपए कम हो जाएगी। उसे यह पैसा रिजर्व बैंक के पास जमा करना होगा और उधार देने के लिए कम पैसा बचेगा। इससे बाजार में पैसा आने की रफ्तार कम हो जाएगी। 
FD पर भरोसा : आज भी लोगों के पास जमा के मामले में ज्यादा विकल्प नहीं है। कम रिटर्न के बाद भी लोगों की पहली पसंद बैंकों में FD कराना ही है। इसका एक बड़ा कारण निश्चित ब्याज की गारंटी है। इसमें शेयर बाजार की तरह ज्यादा प्रॉफिट तो नहीं मिलता लेकिन रिस्क भी नहीं है।
 
क्या कहते हैं एक्सपर्ट : पूर्व बैंकर श्रीदयाल काला ने बताया कि ब्याज दर बढ़ने का ज्यादा असर बड़ी इंडस्ट्रियों पर पड़ेगा। लोन महंगे होने का आम लोगों पर लांग टर्म में ज्यादा असर पड़ेगा। इस तरह के फैसले से EMI पर भले ही ज्यादा असर ना पड़े लेकिन लोन की अवधि बढ़ जाती है।
 
उन्होंने कहा कि बैंक लोन की दर तो तुरंत बढ़ा देती है, लेकिन एफडी के रेट एकदम नहीं बढ़ाती है। इसकी वजह यह है कि लोन की दर बढ़ाने से उसे लाभ है, लेकिन जमा पर ब्याज दर बढ़ाने से उसे घाटा होगा। अगर बैंक ने लोन पर 0.5 फीसदी से ब्याज दर बढ़ाई तो 1,00,000 पर 500 रुपए से ईएमआई बढ़ जाएगी। 

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