लखनऊ। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। यह 1 जनवरी 2017 से पूरे देश में संचालित की जा रही है। योजना का मुख्य उद्देश्य जननी और उसके बच्चे की देखभाल करना है। इसके लिए सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता दी जाती है। सरकार की तरफ से 3 चरणों में आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है। इन चरणों में गर्भवती महिलाओं को उनके गर्भधारण और प्रसव के समय ही सरकार आर्थिक सहायता देती हैं।
कैसे करें आवेदन : प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के का लाभ लेने के लिए आवेदनकर्ता के पास आवेदन पत्र, एमसीपी कार्ड ,पहचान प्रमाण-पत्र आधार कार्ड, बैंक/ पोस्ट ऑफिस अकाउंट पासबुक एवं शिशु का जन्म प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य है। योजना की जानकारी के लिए लाभार्थी निकटतम आशा या आंगनवाड़ी कार्यकत्री से सम्पर्क कर लाभ लिया जा सकता है। लाभार्थी योजना का लाभ पाने हेतु PMMVYCAS के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं तथा योजना की अधिक जानकारी एवं निस्तारण हेतु PMMVY के लखनऊ हेल्पलाइन नंबर 7998799804 पर कॉल कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
योजना के चरण : प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत पहली बार गर्भधारण करने वाली महिला लाभार्थी को बेहतर स्वास्थ्य की देखभाल करने पोषणयुक्त खान-पान हेतु योजना के अंतर्गत शर्तों के अधीन 5 हजार की सहायता धनराशि किसी भी सरकारी स्वास्थ्य इकाई में 150 दिनों के भीतर प्रपत्र 1-A भरकर पंजीकरण कराने पर पहली किस्त 1 हजार, द्वितीय किस्त हेतु प्रपत्र 1-B भरने एवं कम से कम प्रसव पूर्व जांच होने पर 2 हजार तथा तृतीय किस्त हेतु शिशु जन्म पंजीकरण एवं पूर्ण टीकाकरण उपरांत प्रपत्र 1-C भरने पर 2 हजार की सहायता धनराशि तीन किस्तों में डीवीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थी के खाते में भेजी जाती है।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान : प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के नोडल अधिकारी डॉ. एसएल वर्मा एसीएमओ ने बताया की योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवती महिला एवं धात्री माता का आधार बैंक/डाकघर खाते से लिंक होना चाहिए। यदि महिला तीनों किस्तें प्राप्त कर लेती हैं एवं शिशु की मृत्यु हो जाती है तो महिला पुनः गर्भवती होने पर योजना के अंतर्गत दावा नहीं कर सकती है। यदि गर्भवती महिला को गर्भपात हो जाता है तो पुनः गर्भवती होने पर शेष किस्तों का योजना के अंतर्गत दावा कर सकती है। सभी सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारी अथवा किसी भी कानून के तहत समान लाभ प्राप्त वाले करने वाले सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारी योजना की परिधि से बाहर रहेंगे।