नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के एक अध्ययन में कहा गया है कि 2,000 रुपए का नोट वापस लेने के रिजर्व बैंक के फैसले से तरलता, बैंक जमा और ब्याज दरों पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। दो हजार रुपए के नोट को बदलने या जमा करने के लिए 131 दिन का समय दिया गया है। नोट बदलने या जमा करने की शुरुआत मंगलवार से हो गई है।
एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया है कि 2,000 रुपए के नोट के तौर पर कुल 3.6 लाख रुपए की मुद्रा मौजूद है और यह पूरी राशि बैंकिंग प्रणाली में वापस आने की उम्मीद है। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि 2,000 रुपये के कुल नोट में से 10 से 15 प्रतिशत करेंसी चेस्ट में होंगे।
रिपोर्ट कहती है कि इस बार 2,000 रुपए के नोट को वापस लेने का फैसला कोई बड़ा घटनाक्रम नहीं है लेकिन इसका नकदी, बैंक जमा और ब्याज दरों पर अनुकूल असर देखने को मिलेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल भुगतान के मामले में भारत मूल्य और मात्रा के हिसाब से लगातार नई ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है। Edited By : Sudhir Sharma