नई दिल्ली। रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में 0.50 बेसिस पाइंट की वृद्धि कर दी। 1 माह में रेपो दर 0.9 फीसदी बढ़ चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ महीनों तक रेपो दर बढ़ती रहेगी। इससे होम लोन, वाहन लोन, पर्सनल लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे और इसका सीधा असर आपकी ईएमआई पर भी पड़ेगा।
रिजर्व बैंक द्वारा यह कदम महंगाई पर काबू करने के लिए उठाया गया है। इससे लोगों में बचत की प्रवृति बढ़ती है और लोन लेने पर उन्हें ज्यादा ब्याज चुकाना होता है।
रेपो रेट बढ़ने से फ्लोटिंग दरों पर होम लोन लेने वालों की EMI बढ़ेगी। हालांकि उन लोगों पर इसका असर नहीं होगा जिनके पर्सनल लोन या ऑटो लोन की किश्तें कट रही है। हां, अगर कोई नया लोन लेना चाहता है तो उसे अभी की अपेक्षा ज्यादा ब्याज चुकाना होगा। इन लोगों अब ज्यादा EMI चुकानी होगी और इससे उनका मासिक बजट भी गड़बड़ा जाएगा।
वैसे तो हर बैंक में लोन की दर अलग अलग होती है पर 2 उदाहरणों से समझा जा सकता है कि EMI बढ़ने का आप पर क्या असर होगा?
मान लीजिए किसी व्यक्ति ने 30 लाख का लोन 6.90 फीसदी के ब्याज दर पर 20 साल के लिए लिया है। हर माह उसकी ईएमआई 23,080 रुपए कटती है। अगर बैंक होम लोन के ब्याज दर में .50 फीसदी की बढ़ोतरी करते हैं तो यह बढ़कर 7.40 फीसदी हो जाएगी। ऐसे में आपको हर महीने ईएमआई के रूप में 23,985 रुपए चुकाने होंगे। इस तरह आपके मासिक बजट में 905 रुपए का अतिरिक्त कर्ज आएगा। यानी सालाना 10860 रुपए अतिरिक्त खर्च करना होगा।
इसी तरह अगर आपने 3 लाख रुपए का पर्सनल लोन 3 साल के लिए 11 प्रतिशत की दर पर लिया है। तो आपको 9822 रुपए चुकाने पड़ते हैं। अब कोई नया ग्राहक 3 लाख का लोन इसी अवधि के लिए लेना चाहता है तो उसे 11.5 प्रतिशत की दर से कर्ज मिलेगा और EMI के रूप में उसे 9,893 रुपए प्रति माह चुकाने होंगे।
पूर्व बैंकर श्रीदयाल काला ने बताया कि लोन महंगे होने का आम लोगों पर लांग टर्म में ज्यादा असर पड़ेगा। इस तरह के फैसले से EMI पर भले ही ज्यादा असर ना पड़े लेकिन लोन की अवधि बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि ब्याज दर बढ़ने का ज्यादा असर बड़ी इंडस्ट्रियों पर पड़ेगा।