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भूकंप आने पर क्या करें, 7 जरूरी बातें, जैसे बचें इससे

भूकंप आने पर क्या करें, 7 जरूरी बातें, जैसे बचें इससे
, बुधवार, 22 मार्च 2023 (10:22 IST)
What is the reason behind earthquake how to save life : धरती के अंदर 7 प्‍लेट्स होती हैं जो घुमती रहती है। इसे अंग्रेजी में प्‍लेट टैक्‍टॉनिकक और हिंदी में प्‍लेट विवर्तनिकी कहते हैं। जहां पर ये प्‍लेट्स टकाराती हैं, वहां जोन फॉल्‍ट लाइन फॉल्‍ट होता है। जब बार- बार प्‍लेट्स टकाराती है तो कोने मुड़ने लगते हैं और ज्‍यादा दबाव बनने पर प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में धरती से ऊर्जा बाहर आने की कोशिश करती है, जिससे रफ्तार बिगड़ती है और भूकंप की स्थिति पैदा होती है। आओ जानते हैं कि भूकंप आने पर क्या करें। 
 
1. यदि आप ऐसे शहर में रहते हैं जहां पर ऊंची ऊंची इमारते हैं और आप खुद एक इमारत के किसी फ्लैट में रहते हैं और आपको यह पता है कि यह भूकंप वाला क्षेत्र है तो आपको इसके लिए विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
 
2. पूरी दुनिया में सबसे अधिक भूकंप जापान में आते हैं। लेकिन वहां पर नुकसान को कम करने के लिए भी प्रयास सबसे अधिक हुए है। भारत की बात की जाए तो सबसे अधिक भूकंप गुवाहटी, श्रीनगर, दिल्‍ली, मुंबई, चेन्‍नई, पुणे, कोच्चि, कोलकाता, पटना, तिरूवंतपुरम में आते हैं। इसके बाद राजस्थान और गुजरात भूकंप की चपेट में आते हैं।
 
3. भूकंप की भविष्‍यवाणी नहीं की जा सकती है, लेकिन यदि आप अमावस्या, पूर्णिमा, ग्रहण के समय सतर्क रहें तो बेहतर हैं। इसी के साथ ही आप यह भी जानते रहें कि दुनिया में कहां भूकंप आ रहे हैं। यह जानकारी आपको सतर्क करेगी।
 
4. यदि आप भूकंप वाले क्षेत्रों में रहते हैं तो नए घरों को भूकंप को ध्‍यान में रखते हुए निर्माण करें। मकान बनाने से पहले जमीन की जांच कर लें। क्‍या वह भूकंप को ध्‍यान में रखते हुए मकान बना सकते हैं या नहीं।
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5. यदि अचानक से भूकंप आ जाएं तो सबसे पहले आप खुले मैदान में जाकर खुद को सुरक्षित करें।
 
6. घर में ही फंस गए हों तो टेबल या बेड के अंदर छिप जाएं। छत पर भी जा सकते हैं या घर के किसी कोने में खड़े हो जाएं। लेकिन खतरों से खाली विकल्‍प है घर से बाहर निकल जाएं।
 
7. भूकंप की तीव्रता को जानकर तुरंत ही निर्णय लें-
 
  • 0 से 1.9 के बीच - यह सिर्फ सिज्‍मोग्राफ के द्वारा ही पता चलता है।
  • 2 से 2.9 के बीच - हल्‍का कंपन होने लगता है।
  • 3 से 3.9 के बीच - ऐसा महसूस होता है जैसे आप चलती ट्रेन के पास खड़ें हैं।
  • 4 से 4.9 के बीच - दिवारों पर टंगी घड़ी, फ्रेम हिलने लगती है। जब ऐसा होने लगे तो तुरंत ही घर से बाहर निकल जाएं।
  • 5 से 5.9 के बीच - फर्नीचर हिलने लगता है।
  • 6 से 6.9 के बीच - इमारतों में दरार पैदा होना, उपरी की मंजिलों में नुकसान होने की संभावना।
  • 7 से 7.9 के बीच - जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं, इमारतें गिरने लग जाती है।
  • 8 से 8.9 के बीच - सुनामी का खतरा बढ़ जाता है, इमारतों सहित बड़े पुल गिरने की संभावना बढ़ जाती हैं।
  • 9 और इससे अधिक - यह सबसे बड़ा तबाही का बिंदु होता है। समु्द्र आसपास हो तो सुनामी की संभावना बढ़ जाती है। इंसान को धरती लहराते हुए नजर आने लगेगी।

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