Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

योगी आदित्यनाथ बनेंगे नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी ?

उत्तर प्रदेश में सत्ता मेंं वापसी कर नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी के रूप में योगी आदित्यनाथ की दावेदारी मजबूत हुई

योगी आदित्यनाथ बनेंगे नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी ?
webdunia

विकास सिंह

, शुक्रवार, 11 मार्च 2022 (12:35 IST)
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की सत्ता में वापसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उस मिथक को भी तोड़ दिया जिसमें कोई मौजूदा मुख्यमंत्री पांच साल की सरकार के बाद सत्ता में वापसी नहीं कर पाता है। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सत्ता में वापसी कर योगी आदित्यनाथ का भाजपा के अंदर कद बहुत बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत पर अमेरिका के समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि नरेंद्र मोदी के संभावित उत्तराधिकारी माने जाने वाले योगी आदित्यनाथ इस जीत से और मजबूत होंगे।

ऐसे में उत्तर प्रदेश में प्रचंड जीत के साथ और ताकतवर होकर लौटे योगी आदित्यनाथ स्वाभिवक रूप से नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी के तौर पर देखे जाने लगे है। ऐसे में सियासी गलियारों में अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या योगी आदित्यनाथ ही नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी होंगे? 
 
उत्तर प्रदेश की राजनीति को कई दशकों से करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत के बाद योगी आदित्यनाथ का कद भाजपा में बहुत बढ़ गया है और नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी के रूप में उनकी दावेदारी मजबूत हो गई है। भाजपा के अंदर जब नरेंद मोदी के बाद की लीडरशिप की बात हो रही है उसमें अब योगी का नाम और उनकी खुद की दावेदारी सबसे उपर हो गई है। 
 
रामदत्त त्रिपाठी आगे कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ ने अपनी एक स्वतंत्र छवि बनाई है और यह माना भी जाता है वह खुद भी राष्ट्रीय पटल पर जाने के इच्छुक है। अब जब भी नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी की बात आएगी तो योगी आदित्यनाथ की दावेदारी स्वाभिवक रूप से उभरेगी। इसके साथ ही भाजपा के अंदर एक लॉबी जो अंदरूनी तौर पर नरेंद्र मोदी को नहीं पंसद करती है वह भी योगी का समर्थन करती है। 
 
रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि इसके साथ इस बात पर भी गौर करना होगा कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के बीच के समीकरण ठीक नहीं है। उत्तर प्रदेश चुनाव से एक साल पहले नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले ब्यूरोक्रेट अरविंद शर्मा को उत्तर प्रदेश भेजे जाने को योगी आदित्यनाथ के अधिकार कम करने की कवायद के तौर पर देखा गया था। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश में सत्ता में वापसी कर योगी आदित्यनाथ और ताकतवर बनकर उभरे है।
 
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

यूपी की 11 सीटों पर था कांटे का मुकाबला, 500 से भी कम वोटों से भाजपा ने जीती 7