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UP के चुनावी सर्वे में 'बाबा' क्यों पड़ रहे सब पर भारी ?, पढ़ें योगी आदित्यनाथ की पंच पावर पॉलिटिक्स से जुड़ी खास खबर

योगी आदित्यनाथ की 5 बातें जो बनाती हैं उन्हें अपने प्रतिद्वंदियों से अलग

UP के चुनावी सर्वे में 'बाबा' क्यों पड़ रहे सब पर भारी ?, पढ़ें योगी आदित्यनाथ की पंच पावर पॉलिटिक्स से जुड़ी खास खबर
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विकास सिंह

, गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022 (16:00 IST)
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में सत्ता का संग्राम छिड़ चुका है। वोटरों को रिझाने के लिए सियासी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। उत्तरप्रदेश को लेकर अब तक आए सभी ओपिनियन पोल में सत्तारूढ़ दल भाजपा को सभी विरोधियों पर्टियों पर भारी बताया है। सभी चुनावी सर्वे में योगी आदित्यनाथ सीएम का सार्वधिक पंसदीदा चेहरा बने हुए है।

वैसे भी भाजपा की ओर से चुनाव प्रचार की कमान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथों में ही संभाल रखी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्नयाथ 4 अक्टूबर को गोरखपुर शहर सीट से अपना नामांकन दाखिल करने जा रहे है। गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ जिनको उनके समर्थक,अनुयायियों के साथ मुख्य विरोधी दल के नेता अखिलेश यादव भी बाबा के नाम से संबोधित करते है, आखिरी क्यों चुनावी रण में सब पर भारी पड़ रहे है, पढ़ें विशेष रिपोर्ट।
 
कट्टर हिंदुत्व का चेहरा-गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ उस हिंदुत्व के सबसे बड़े चेहरे है, जो उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का सबसे बड़ा हथियार है। विश्व प्रसिद्ध गोरखपुर पीठ के महंत बाबा योगी आदित्यनाथ आज हिंदुत्व का एक राष्ट्रीय चेहरा बन चुके  है। यूपी के चुनावी रण में उनके भाषणों में हिंदुत्व का दम भी दिखाई दे रहा है। चुनावी मंचों पर हिंदुत्व की हुंकार भरते हुए जब ‘बाबा’ अपने भाषणों में हज हाउस को लेकर सपा पर निशाना साधते है तो वह अपनी मंशा साफ कर देते है कि उनके कामकाज का एजेंडा क्या है। यूपी चुनाव में योगी आदित्यनाथ के भाषणों में कट्टर हिंदुत्व दिख रहा है।
 
2017 में उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद से ‘बाबा’ ने अपने कामकाज से खुद को हिंदुत्व के अगुआ के तौर पर पेश किया है। योगी अपने काम से हिंदुत्व की सांस्कृतिक विरासत को लौटाने में जुटे हुए हैं। अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन, बृज में होली और काशी में देवदीपावली को मनाकर योगी आदित्यनाथ की सरकार ने हिंदू संस्कृति को आगे बढ़ाया।
 
चुनाव के ठीक समय योगी अयोध्या और काशी के बाद मथुरा की बारी की बात कहकर हिंदुत्व की धार को और तीखा करते है। वह कहते हैं कि अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर और काशी में भगवान विश्वनाथ का भव्य धाम बन रहा है, फिर मथुरा वृन्दावन कैसे छूटा जाएगा। 
 
कट्टर प्रशासक की छवि- उत्तरप्रदेश में 2017 में सरकार की बागडोर संभालने वाले योगी आदित्यनाथ की छवि एक कट्टर प्रशासक की मानी जाती है। उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में भाजपा योगी आदित्नयाथ की इसी कट्टर प्रशासक छवि को खूब भुना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह अपने चुनावी मंचों पर उत्तर प्रदेश में पांच साल में एक भी दंगा नहीं होने का दावा करने के साथ अपराधियों को जेल के पीछे होने की हुंकार भरते हुए दिखाई देते है।

अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर मुख्यमंत्री के रुप में पहचाने जाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी चुनावी मंचों से अपराधियों के खिलाफ जमकर हुंकार भरते हुए दिखाई देते है। पांच साल के अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर अपनी छवि एक कट्टर प्रशासक के तौर पर पेश की है। 
 
उत्तर प्रदेश में सीएए विरोधी आंदोलन हो या सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शनकारियों के पोस्टर-होर्डिंग लगाने का फैसला, सीएम योगी के ऐसे फैसले उन्हें कट्टर प्रशासक के तौर पर स्थापित करते है। इसके साथ योगी आदित्यनाथ की सरकार में उपद्रवियों से क्षतिपूर्ति वसूली के करने वाले उत्तरप्रदेश देश का पहला राज्य भी बना।
 
बेदाग छवि और सादगी जीवन-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बेदाग छवि और सादगीपूर्ण जीवन उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में भाजपा का सबसे बड़ा चुनावी हथियार है। एक योगी के रूप में मुख्यमंत्री की छवि उत्तर प्रदेश की एक बड़ी आबादी को आकृषित करती है। गेरूआ वस्त्र पहने योगी की दिनचर्या से लेकर उनके राजनीति करने के तरीके भी लोगों को खूब रिझाते है।  
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्नयाथ ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए विभिन्न विभागों के 700 से ज्यादा भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें या तो जबरन रिटायरमेंट दिया या फिर सस्पेंड किया। समाज में इसका भी अच्छा मैसेज गया।

मोदी-योगी साथ-साथ की छवि भारी- उत्तर प्रदेश में भाजपा का चुनावी सॉन्ग ‘’सबके मन की यह भाषा यहां दो-दो है। आशा"  भाजपा की सत्ता में वापसी आस की सबसे बड़ी ताकत है। चुनावी सॉन्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में आशा के तौर पर बताते हुए विकास के कार्यों को विस्तार से बताया गया है। यूपी में चुनावी माहौल की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी तस्वीर ट्वीट कर जो संदेश दिया है उसने उत्तर प्रदेश की जनता को साफ संदेश दे दिया गया। 
 
ध्रुवीकरण के धुंरधर- उत्तर प्रदेश का चुनावी रण जब ध्रुवीकरण बनाम तुष्टिकरण की सियासत पर केंद्रित हो गया है तब ध्रुवीकरण की सियासत के धुंरधर योगी आदित्यनाथ जब कहते हैं कि यूपी का चुनाव 80 बनाम 20 फीसदी होगा तो इसका सीधा कनेक्शन उत्तरप्रदेश की 80 फीसदी हिंदू आबादी और 20 फीसदी मुस्लिम आबादी से जुड़ता है। चुनाव में ध्रुवीकरण का एजेंडा सेट करते हुए योगी कहते हैं कि ‘’80 फीसदी समर्थक एकतरफ होगा, 20 फीसदी दूसरी तरफ होगा,मुझे लगता है कि 80 फीसदी सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे जबकि 20 फीसदी ने हमेशा विरोध किया है, आगे भी विरोध करेंगे।
 
इतनी ही नहीं सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराके चुनाव जीतने में माहिर भाजपा और उसके मुख्यमंत्री पद के चेहरे योगी आदित्यनाथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश की वोटिंग से पहले हापुड़ में अपनी चुनावी सभा में कहते हैं कि कैराना और मुजफ्फरनगर में अभी जो गर्मी दिख रही है वह 10 मार्च के बाद समाप्त हो जाएगी। मई-जून की गर्मी में शिमला जैस ठंडा माहौल बना दिया जाएगा। 2022 में ध्रुवीकरण के सबसे बड़े कार्ड कैराना के मुद्दे को धार देते हुए योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि कैराना में तंचावादी पार्टी का प्रत्याशी धमकी दे रहा है, यानि गर्मी शांत नहीं हुई है। 10 मार्च के बाद गर्मी शांत हो जाएगी। 

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