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राजभर का दावा- 20 जनवरी तक योगी सरकार के 18 मंत्री देंगे इस्तीफा

राजभर का दावा- 20 जनवरी तक योगी सरकार के 18 मंत्री देंगे इस्तीफा
, बुधवार, 12 जनवरी 2022 (23:45 IST)
लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बुधवार को दावा किया कि रोजाना राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार के एक-दो मंत्री इस्तीफा देंगे और 20 जनवरी तक यह आंकड़ा 18 तक पहुंच जाएगा।

राजभर ने यहां श्रममंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और वनमंत्री दारा सिंह चौहान के इस्तीफे का स्वागत करते हुए कहा, वर्ष 2017 में सरकार में शामिल होने के कुछ ही समय बाद मैंने दलितों, पिछड़ों तथा समाज के अन्य वंचित वर्गों के प्रति भाजपा की असंवेदनशीलता भांप ली थी, लेकिन इन लोगों ने इतने दिन तक इंतजार किया और अब कोई उम्मीद बाकी नहीं रहने पर वे भी इस्तीफा दे रहे हैं।

उत्तर प्रदेश का अगला विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर लड़ने जा रहे राजभर ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में दावा करते हुए कहा, भाजपा मंत्रिमडल के एक-दो विकेट रोजाना गिरेंगे और 20 जनवरी तक यह संख्या डेढ़ दर्जन तक पहुंच जाएगी।

राजभर की पार्टी ने उत्तर प्रदेश का पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था और उसे चार सीट पर जीत मिली थी। राजभर गाजीपुर की जहूराबाद सीट से विधायक बने थे और उन्हें भाजपा नीत सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बनाया गया था। हालांकि उन्होंने वर्ष 2019 में भाजपा से नाता तोड़ लिया था।

प्रदेश के डेढ़ दर्जन मंत्रियों के इस्तीफा देने संबंधी अपने दावे के आधार के बारे में पूछे जाने पर राजभर ने कहा, जब यह होगा तब सभी को मालूम हो जाएगा। मैं अभी किसी का नाम क्यों लूं। गौरतलब है कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में श्रममंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया था।

इसके एक दिन बाद, बुधवार को वनमंत्री दारा सिंह चौहान ने भी त्याग पत्र दे दिया। पार्टी के कई विधायक भी इस्तीफा दे चुके हैं। ओमप्रकाश राजभर के बाद मौर्य और चौहान के अलग होने को भाजपा के लिए करारा झटका माना जा रहा है।
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सहयोगियों के साथ अखिलेश का मंथन : विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को सहयोगी दलों के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति पर मंथन किया।

पार्टी की ओर से जारी बयान के अनुसार जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में आयोजित बैठक में प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव अपने पुत्र आदित्य यादव के साथ मौजूद थे जबकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) से डॉ. मसूद अहमद के अलावा संजय चौहान (जनवादी पार्टी ‘सोशलिस्ट‘) केशव देव मौर्य (महान दल) कृष्णा पटेल (अपना दल कमेरावादी) एवं केके शर्मा (एनसीपी) शामिल थे।

पार्टी के बयान के अनुसार गठबंधन की एकता दर्शाने वाली बैठक में प्रदेश के विकास और भविष्य पर चर्चा की गई और फैसला हुआ कि मतदाताओं से सीधा संपर्क कर कार्यकर्ता हर दरवाजे पर जाकर गठबंधन की सरकार बनाने का आग्रह करेंगे।

बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को गठबंधन के तहत एक सीट देने का फैसला किया गया। सपा की ओर से एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर यादव के साथ अखिलेश की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए जानकारी दी गई कि एनसीपी को बुलंदशहर की अनूपशहर सीट दी गई है।

सपा की ओर से किए गए एक ट्वीट में कहा गया है कि एनसीपी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर यादव ने अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुनावी चर्चा की। इसमें कहा गया है कि एनसीपी के नेता केके शर्मा, बुलंदशहर की अनूपशहर विधानसभा सीट से सपा-एनसीपी गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी होंगे।

इस दौरान अखिलेश ने भी बैठक में शामिल हुए विभिन्न दलों के नेताओं के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए कहा, सपा के सभी सहयोगी दलों के शीर्ष नेतृत्व के साथ, आज हुई उत्तर प्रदेश के विकास और भविष्य की बात।

सूत्रों के अनुसार, बैठक में प्रसपा को छह सीट देने पर सहमति बनी है। बैठक में कुछ देर हिस्सा लेकर शिवपाल रवाना हो गए। हालांकि उन्होंने सीटों के बंटवारे पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। समझा जाता है कि प्रसपा को गुन्नौर, जसवंतनगर, भोजपुर, जसराना, मुबारकपुर और गाजीपुर सीटें दी गई हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को भी सपा गठबंधन में एक सीट दी गई है। इसके तहत मिर्जापुर जिले की मड़िहान सीट पर टीएमसी के ललितेश पति त्रिपाठी चुनाव लड़ेंगे।(वार्ता) 

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