Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

6 दिसंबर के चलते कान्हा नगरी 'रेड जोन' में तब्दील

6 दिसंबर के चलते कान्हा नगरी 'रेड जोन' में तब्दील

हिमा अग्रवाल

, रविवार, 5 दिसंबर 2021 (12:57 IST)
मथुरा। कृष्ण जन्मभूमि परिक्षेत्र को रेड जोन छावनी में तब्दील कर दिया गया है। आगामी विधानसभा चुनाव में मथुरा जिला सुर्खियों में है, क्योंकि उत्‍तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मथुरा को लेकर हाल ही में बयान दिया कि अबकी बार कृष्ण नगरी पर भाजपा अपना ध्यान केंद्रित करेगी है।

कान्हा की नगरी मथुरा 2022 के चुनावों का मुख्य केंद्र बनने के चलते स्थानीय प्रशासन मुस्तैद हो गया है। 6 दिसंबर के मद्देनजर मथुरा नगरी को प्रशासन ने छावनी में बदल दिया है। पुलिस-प्रशासन की नींद इसलिए भी उड़ी हुई है, क्योंकि कुछ कथाकथित हिन्दूवादी असामाजिक तत्वों ने सोशल मीडिया पर खबर उड़ाई थी कि वह लोग मस्जिद में श्रीकृष्ण की प्रतिमा लगाकर जलाभिषेक करेंगे।

प्रशासन किसी भी तरह से मथुरा का माहौल बिगड़ने नहीं देना चाहता है, जिसके चलते 6 दिसंबर की सुरक्षा को लेकर वह सड़कों पर उतर आया है। पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी फ्लैग मार्च करते हुए चैकिंग अभियान चलाए हुए हैं।

मथुरा के एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया कि कुछ हिंदूवादी संगठन 6 दिसंबर को परंपरा के विपरीत कार्यक्रमों को करने की अनुमति मांग रहे थे, लेकिन हमने इसकी इजाजत नहीं दी है। सुरक्षा की दृष्टि से कुछ फेरबदल किए गए हैं।

रेलवे ने भी मथुरा-वृन्दावन के बीच चलने वाली रेल बस का आवागमन अगले आदेश तक रोक दिया है। यह रेल बस ईदगाह के सामने और श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास से होकर जाती है। कृष्ण जन्मभूमि परिसर के निकट स्थित मस्जिद को सुरक्षा की दृष्टि से 4 सुपर जोन और 8 सेक्टरों में बांटा गया है।

मस्जिद की सुरक्षा के मद्देनजर 3 हजार पुलिसकर्मी और PAC के साथ RAF के जवानों को सड़कों पर उतारा गया है और पूरे जिले के चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को होने से रोका जा सके।

सतर्कता की दृष्टि से पुलिस-प्रशासन द्वारा मस्जिद के सभी प्रमुख एंट्री मार्गों पर बैरिकेडिंग की है, साथ ही यातायात नियमों में बदलाव करते हुए मस्जिद के निकट वाहनों के आवागमन पर रोक लगाई गई है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Uttar Pradesh Assembly Elections: गठबंधन भारी होगा या कीचड़ में खिलेगा कमल?