Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

बुलंदशहर : टिकट नहीं मिलने पर फूट-फूटकर रोईं कांग्रेस नेत्री, बोलीं- लड़की हूं, लड़ सकती हूं, करूंगी भूख हड़ताल

बुलंदशहर : टिकट नहीं मिलने पर फूट-फूटकर रोईं कांग्रेस नेत्री, बोलीं- लड़की हूं, लड़ सकती हूं, करूंगी भूख हड़ताल

हिमा अग्रवाल

, शुक्रवार, 21 जनवरी 2022 (00:27 IST)
बुलंदशहर। एलएलबी की पढ़ाई कर रही कांग्रेस नेत्री ने रोते हुए अपना दर्द बयां किया। गीता नाम की कांग्रेस लीडर का कहना है कि मैं प्रियंका दीदी के स्लोगन से लड़की हूं, लड़ सकती हूं से बेहद प्रभावित हुई। लगा महिलाओं को अब अपना एक सम्मान होगा, उन्हें खुला आसमान मिलेगा, लेकिन हकीकत कुछ और ही निकली।

गुरुवार को कांग्रेस ने कुल 41 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है। इसमें 16 महिलाओं को वरीयता दी गई हैं जबकि पहली सूची में 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया गया था। युवा कांग्रेस नेत्री गीता रानी शर्मा का लिस्ट में नाम न आने पर फूट-फूटकर रोने लगी और उन्होंने कहा कि उनके परिवार की कुर्बानियों का कांग्रेस ने सिला दिया है।

करेंगी भूख हड़ताल : प्रियंका दीदी ने कहा है 'लड़की हूँ लड़ सकती हूं'। यह स्लोगन मेरी शक्ति बना है, लेकिन मुझे टिकट नहीं मिला है। इसलिए ''मैं दीदी को दिखाना चाहती हूं कि मैं लड़की हूं, लड़ सकती हूं।  मैं कांग्रेस के प्रति आस्थावान हूं, किसी और पार्टी को ज्वाइन नही करूंगी, जिसके चलते निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना रही हूं। गीता रानी शर्मा ने वहीं 10 मार्च तक भूख हड़ताल पर बैठने का ऐलान किया है।
webdunia

1990 से जुड़ा है परिवार : गीता का परिवार 1990 से कांग्रेस से जुड़ा है और गीता दिलोजान से कांग्रेस के साथ खड़ी है। यह युवा नेत्री पुलिस में नौकरी कर रही थी, लेकिन नौकरी में मन नहीं लगा, नौकरी छोड़ LLB की पढ़ाई करने लगी गीता शर्मा।

बीते दो सालों से गीता कांग्रेस की कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही थी, उनकी सक्रियता को देखकर पार्टी ने उन्हें चुनाव में बुलंदशहर शहर सीट से तैयारी करने के लिए कहा था। लेकिन टिकट गीता की जगह सुशील चौधरी को मिल गया। इसके चलते गीता टूट गई और मीडिया के सामने रोने लगी।

गीता शर्मा ने रोते हुए कहा कि वह अनूपशहर में हुई प्रियंका गांधी वाड्रा की रैली में बड़ी संख्या में महिलाओं के लेकर गई थीं, लेकिन उनके काम को स्वीकार नहीं किया गया। पार्टी को टिकट देने से पहले सर्वे कराना चाहिए था कि किसने कितना काम किया है।

पैसे वालों को टिकट : उन्होंने सिकंदराबाद की एक और पार्टी कार्यकर्ता का जिक्र करते हुए कहा पार्टी के लिए लगन के साथ काम करने के बावजूद उन्हें भी टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि काम करने को टिकट नहीं दिया जा रहा है, बल्कि पैसा देने वाले को टिकट मिल रहा है।

इसी तरह का आरोप मुजफ्फरनगर की कांग्रेस नेत्री मेहराज जहां ने पार्टी पर लगाए हैं कि काम करने वालों की अनदेखी की जा रही है और पैसों वालों को टिकट मिल रहा है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

अखिलेश यादव का वादा, सत्ता में आने पर राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करेंगे