उत्तरप्रदेश विकास की दौड़ में बहुत पिछड़ा हुआ है। यहां न तो कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी है, न ही सड़क और बिजली की। शिक्षा का स्तर भी यहां अन्य राज्यों की तुलना में खराब है।
यह कहना है कि लेखक और मीडिया से जुड़े शांतनु गुप्ता का। वेबदुनिया से बातचीत करते हुए शांतनु ने बताया कि उन्होंने उत्तरप्रदेश के 15 साल के विकास को लेकर एक किताब लिखी है। किताब का शीर्षक है- 'उत्तरप्रदेश विकास की प्रतीक्षा में'। आखिर इस किताब का खयाल कैसे आया? इस सवाल के जवाब में शांतनु कहते हैं- मैं यूपी से ही आता हूं। मेरा जन्म बरेली में हुआ हुआ। मुरादाबाद, कानपुर, ऋषिकेश, पंतनगर आदि में भी रहा हूं। मैंने एमबीए किया है और मैं रिसर्च से भी जुड़ा हूं।
आशुतोष का कहना है कि हमारे नेता कहते हैं कि भारत की 60 फीसदी आबादी 35 साल से कम उम्र की है यानी युवा है। युवाओं को जॉब चाहिए और अच्छी शिक्षा चाहिए। रोजगार के लिए उद्योग की जरूरत है और उद्योगों के लिए सड़क, बिजली और कानून व्यवस्था की जरूरत होती है। उत्तरप्रदेश में इन सभी चीजों का अभाव है।
यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलते हुए शांतनु कहते हैं कि मायावती के कार्यकाल में स्वास्थ्य से जुड़ा घोटाला हुआ था। तब एक ही महिला को तीन बार गर्भवती बता दिया गया। यदि विश्व के देशों की बात करें तो यूपी आबादी के मामले में छठे स्थान पर है। भारत की 16.5 फीसदी आबादी यूपी में है मगर जीडीपी मात्र 7.5 फीसदी है। यह राज्य जीडीपी का दोहन करता है, देश को दे नहीं पाता।
वे कहते हैं कि इस किताब को लिखने के दौरान उन्होंने सरकारी अधिकारियों से बात की। कई स्थानों पर घूमे उसके बाद किताब लिखी। वे कहते हैं कि यूपी में जितना विकास होना चाहिए, वह नहीं हुआ। इसलिए राज्य विकास की दौड़ में काफी पिछड़ गया है। शांतनु गुप्ता की इस पुस्तक का प्रकाशन ब्लूम्सबरी ने किया है।