मुंबई। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार का राजकोषीय घाटा 16.6 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान जताया है, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 7.1 फीसदी होगा।
इक्रा रेटिंग्स ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष में राज्यों का राजकोषीय घाटा 3.3 फीसदी के अपेक्षाकृत कम स्तर पर रहने का अनुमान है। इस तरह केंद्र एवं राज्यों का सामान्य राजकोषीय घाटा जीडीपी के करीब 10.4 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार का राजकोषीय घाटा थोड़ा कम होकर 15.2 लाख करोड़ रुपए रह सकता है, जो जीडीपी का 5.8 प्रतिशत होगा।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कर संग्रह में तेजी आने से सरकार की सकल कर प्राप्तियां वर्ष 2021-22 में बजट अनुमान से 2.5 लाख करोड़ रुपए तक अधिक रह सकती हैं। हालांकि जून 2022 के बाद जीएसटी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था खत्म होने से राज्य सरकारों का राजकोषीय घाटा बढ़ेगा।(भाषा)