Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

Budget 2020 : सुस्ती के बीच बजट से राहत की बड़ी उम्मीद

Budget 2020 : सुस्ती के बीच बजट से राहत की बड़ी उम्मीद
, मंगलवार, 28 जनवरी 2020 (22:16 IST)
नई दिल्ली। वैश्विक और घरेलू कारकों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार कुछ वक्त से धीमी पड़ी हुई है, जिसके कारण विभिन्न क्षेत्रों को अगले वित्त वर्ष के आम बजट से बड़ी उम्मीदें हैं।
 
प्रमुख उद्योगपतियों ने रोजगार के सृजन के लिए कदम उठाने, इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने एवं कृषि क्षेत्र को गति देने वाली नीतियां बनाने की अपील की है।
 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश करने की तैयारियों में जुटी हुई हैं। अर्थव्यवस्था को लेकर भारत की चिंताओं के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति भी बेहतर नहीं है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव का असर पूरी दुनिया पर देखा जा रहा है।
 
दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं अधिक संकट में दिख रही हैं। वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर करीब 3 फीसदी पर है। यह पिछले साल की तुलना में करीब आधी फीसदी कम है। वैश्विक व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित है।
 
दुनिया की सबसे तेज गति से आगे बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार थमती दिख रही है। चालू वित्त वर्ष की सितंबर 2019 में समाप्त दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 4.5 फीसद रह गई। यह जनवरी-मार्च 2013 के बाद का निचला स्तर है।
 
जनवरी-मार्च 2013 की तिमाही में विकास दर 4.3 प्रतिशत रही थी। देश में ऑटो मोबाइल से लेकर टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं और रोजमर्रा की उपभोक्ता वस्तुओं तक की मांग में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। निजी उपभोग में भी सुस्ती है। 
 
इन सबके बीच मोदी सरकार ने वर्ष 2024-25 तक देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है। वर्तमान स्थिति में इस लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल प्रतीत हो रहा है क्योंकि अभी भारतीय अर्थव्यवस्था 2.9 लाख करोड़ डॉलर की है।
 
टीवीएस समूह के अध्यक्ष  वेणु श्रीनिवासन ने कहा कि बजट में रोजगार सृजन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन सबसे प्रमुख मुद्दों में से एक है। इसके साथ ही विकास पर भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। 
 
हीरो एंटरप्राइज के अध्यक्ष सुनील कांत मुंजाल ने कहा कि राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने पर ध्यान दिए बगैर सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर पर व्यय को बढ़ाना चाहिए क्योंकि इससे जहां इंफ्रा को बहुत लाभ होगा वहीं रोजगार सजृन के अवसर भी बनेंगे।
  
डीसीएम श्रीराम के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्रबंध निदेशक अजय एस. श्रीराम ने सरकार से कृषि क्षेत्र पर ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस बजट में कृषि क्षेत्र को ध्यान में रखकर कदम उठाए जाने की उम्मीद है क्योंकि यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। देश के जीडीपी में इसका योगदान कम हो रहा है।
 
कृषि क्षेत्र के निर्णय को लागू करने के लिए सभी कृषि मंत्रियों का जीएसटी की तरह का एक संगठन बनाए जाने की भी आवश्यकता बताई है। पॉलिसीबाज़ार.कॉम के मुख्य बिजनेस अधिकारी एवं सह-संस्थापक तरुण माथुर ने कहा कि देश की सिर्फ 8 प्रतिशत आबादी के पास टर्म या स्वास्थ्य बीमा है और प्योर प्रोटेक्शन वाले बीमाधारकों की संख्या काफी कम है। 
 
उन्होंने यूरोप की तरह भारत में भी एक सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था बनाने की अपील करते हुए कहा कि इसमें सरकार अपने नागरिकों की सेवानिवृत्ति के बाद उनकी सभी ज़रूरतों का ख्याल रखती है। भारत में लोगों को सिर्फ बीमा के रूप में ही सामाजिक सुरक्षा मिलती है। इसलिए सरकार के लिए यह ज़रूरी होगा कि आम बजट 2020 में बीमा के लिए सैंडबॉक्स नीति अपनाए और देश को सामाजिक रूप से सुरक्षित बनाने वाले लोगों को प्रोत्साहन दिया जाए।
 
मृदा ग्रुप के सह संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक अरुण नागपाल ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य सराहनीय है, लेकिन ऐसी व्यवस्था बनाने की जरूरत है जिससे किसानों की आय वास्तव में पारदर्शी तरीके से बढ़े।
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Budget 2020 : प्रोत्साहन आधारित स्क्रैपेज नीति बने : SIAM