Budget 2020 : इकोनॉमी का पहिया पटरी पर लाने के लिए वित्तमंत्री का ये होगा रोडमैप!
, बुधवार, 29 जनवरी 2020 (11:35 IST)
आर्थिक मोर्चे पर लगातार चुनौतियों के बीच इस बार का आम बजट पेश करना वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के सामने किसी चुनौती से कम नहीं है। इकोनॉमी में लगातार स्लोडाउन और विकास दर के लगातार निचले पायदान पर बने रहने के चलते क्या वित्तमंत्री इस बार लोकलुभावन बजट दे पाएगी यह सबसे बड़ा सवाल लोगों के मन में है। बजट से पहले पहले शेयर बाजार में भी लगातार उतार-चढ़ाव का दौर जारी है और बाजार में एक बैचेनी देखी जा रही है। वेबदुनिया ने अर्थशास्त्री और बाजार विशेषज्ञ आदित्य मानियां जैन से बजट को लेकर खास बातचीत की।
बजट में इकोनॉमी बूस्टर - आदित्य मानियां जैन कहते हैं इस बार आम बजट से लोगों के साथ-साथ निवेशकों को भी काफी उम्मीदें है। वह कहते है कि बजट पर पीएम मोदी की विजन की छाप देखने को मिलेगी और सरकार किसानों और समाज के कमजोर वर्ग के लिए कुछ बड़े एलान कर सकती है। वह कहते हैं कि मौजूदा मंदी के माहौल में सरकार के समाने सबड़े बड़ी चुनौती लोगों का मानस बदलना है जिससे आम आदमी पैसा खर्च करें, जिससे बाजार में खपत बढ़ने से डिमांड आएगी और इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा और एक बार फिर इकोनॉमी का पहिया तेजी से दौड़ने लगे।
रेवन्यू बढ़ाने पर सरकार का फोकस - बजट में वित्त मंत्री के सामने तीन बड़ी चुनौतियां रोजगार के अवसर बनाना, राजकोषीय घाटा और डिसइन्वेशमेंट के लिए रोडमैप तैयार करना है। वह कहते हैं कि जीएसटी कलेक्शन और इनकम टैक्स कलेक्शन में लगातार कमी होने से सरकार का रेवन्यू इनपुट लगातार कम हो रहा है। इसके साथ ही कॉर्पोरेट टैक्स में छूट देने से सरकार से सामने सबसे बड़ा संकट रेवन्यू का खड़ा हो गया है। वह कहते हैं कि उन्हें नहीं लगता कि सरकार इस बार इनकम टैक्स में किसी बड़ी छूट का एलान करने जा रही है।
पिछली बार सरकार ने बजट में इनकम टैक्स में छूट के जो बड़े एलान किए थे उसको ही बनाकर रखेगी। आदित्य मनियां कहते हैं कि इस बार भी बजट के लोकलुभावन होने की उम्मीद बहुत कम है। वह कहते हैं कि एक ओर सरकार को दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखना है तो दूसरी ओर उसे अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है ऐसे में वित्तमंत्री के सामने बजट पेश करना किसी चुनौती से कम नहीं है।
किसानों के लिए होंगे बड़े एलान – मोदी 2.0 सरकार बनाने में किसान वोट बैंक की बड़ी भूमिका रही इसलिए इस बजट में भी सरकार का पूरा फोकस किसानों पर होगा। अर्थशास्त्री आदित्य मनियां कहते हैं कि सरकार फर्टिलाइजर सब्सिडी का एलान कर किसानों को बड़ी राहत दे सकती है। अभी हम बड़े पैमाने पर डीएवीपी और यूरिया इंपोर्ट कर रहे है ऐसे में सरकार को घरेलु उत्पादन बढ़ाने के लिए बजट में इसके लिए बड़े एलान करने होंगे।
आदित्य मानियां कहते हैं कि सरकार किसानों के लिए एलान तो बहुत करती है लेकिन उसका फायदा जरूरतमंद किसानों को नहीं मिल पाता इसके लिए बजट में वित्तमंत्री को ऐसे सिस्टम को बनाने का एलान करना होगा जिसके योजनाओं का फायदा जरुरतमंद किसानों को मिल सके। वह कहते है कि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार को अच्छा उत्पादन करने वाले किसानों को बोनस (इक्सट्रा इंनेसेटिव)देने जैसे एलान करने होंगे।
रोजगार के अवसर बढाने पर फोकस – इस बार आम बजट में सरकार का पूरा फोकस रोजगार के अवसर बढ़ाने पर होगा। वह कहते हैं कि बजट में रोजगार के अवसर बढ़ाने के स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल को पीपीपी मॉडल पर खोलने होगा या बजट में इनके लिए कैपिटेल सब्सिडी या विशेष सब्सिडी जैसे एलान करने होंगे जिससे रोजगार के अवसर बढ़ सके।
वह कहते हैं कि सरकार को कोर सेक्टर जैसे रियलिटी सेक्टर पर बजट में विशेष ध्यान देना चाहिए जिसमें लगातार गिरावट के रूख से रोजगार के अवसर खत्म हुए है, इसके लिए वित्तमंत्री को बजट में विशेष छूट का एलान करना होगा। वह कहते है कि इकोनॉमी में बूस्टर के लिए वित्तमंत्री का ट्रंप कार्ड कोर सेक्टर को बढ़ावा देना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कृषि विकास पर सब्सिडी और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए बड़े एलान करने होंगे।
वह कहते है अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन का सबसे बड़ा कारण अर्थव्यवस्था को लेकर लोगों में बना निगेटिव सेटींमेंट है। वह कहते हैं कि बजट में वित्तमंत्री को कुछ ऐसे एलान करने होंगे कि आम आदमी पैसा खर्च करने के लिए तैयार हो। वह कहते हैं कि अगर वित्त मंत्री बजट में बड़े एलान करती है तो इसका सीधा असर जीडीपी पर देखने को मिलेगा और देश की विकास दर दोबारा पटरी पर आ सकती है।
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