Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

अर्थशास्त्रियों ने कहा, लोक-लुभावन बजट से उपभोग बढ़ेगा, लेकिन राजकोषीय गणित को लेकर चिंता

अर्थशास्त्रियों ने कहा, लोक-लुभावन बजट से उपभोग बढ़ेगा, लेकिन राजकोषीय गणित को लेकर चिंता
, शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2019 (17:10 IST)
मुंबई। अर्थशास्त्रियों ने शुक्रवार को पेश वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट को लोक-लुभावन बताते हुए कहा है कि इससे राजकोषीय गणित बिगड़ेगा। उनका कहना है कि अंतरिम बजट में राजकोषीय मजबूती पर लोक-लुभावन घोषणाओं को तरजीह दी गई है। विशेषरूप से सरकार ने आम चुनाव से पहले किसानों और मध्यम वर्ग को लुभाने का प्रयास किया हैं।

हालांकि इन उपायों से उपभोग बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को 6,000 सालाना की न्यूनतम आय तथा आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की घोषणा राजकोषीय गणित की कीमत पर की गई है।

सिद्धेश जमसांदेकर ने कहा कि बजट खपत और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है। हमें राजकोषीय कर अनुपालन पर कुछ भी नकारात्मक नजर नहीं आ रहा है, उच्च स्लैब के कारण भी सुधार होगा और सरकार का लक्ष्य आसानी से पूरा होगा।

प्रत्यक्ष करों पर विभिन्न लाभ देकर करदाताओं को बहुत सारे पैसे दिए जा रहे हैं। 5 लाख तक की सीमा को बढ़ाया जा रहा है, 10 हजार से अधिक की मानक कटौती, दूसरे घर से कर योग्य आय पर कर छूट और किसानों को न्यूनतम 6000 रु। हालांकि राजकोषीय घाटे में कमी है और उधारों में वृद्धि की संभावना का बांड बाजार पर असर पड़ सकता है।
 
जापानी ब्रोकरेज नोमूरा ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से लगातार चूक तथा वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लक्ष्य को उसी स्तर पर कायम रखना 'आश्चर्यजनक तौर पर नकारात्मक' है। इससे 2020-21 में राजकोषीय घाटे को कम कर 3 प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य पर सवाल खड़ा होता है।
 
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी कहा है कि अंतरिम बजट में खर्च बढ़ाने के कदम उठाए गए हैं जबकि राजस्व बढ़ाने के उपाय नहीं किए गए हैं। लगातार 4 वर्ष तक सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगी, जो देश की वित्तीय साख की दृष्टि से प्रतिकूल है।
 
यस बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री शुभदा राव ने कहा कि आयकर छूट और गरीब किसानों को न्यूनतम आय- दोनों ही कदम उपभोग बढ़ाने वाले हैं। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के प्रमुख अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा कि किसानों और मध्यम आय वर्ग के लिए जो घोषणाएं की गई हैं, उनसे 2019-20 में राजकोषीय घाटे पर दबाव रहेगा।

राव ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय मोर्चे पर मामूली चूक रहेगी। किसानों को राहत से राजकोषीय मजबूती की दिशा में भी कदम बाधित होगा, क्योंकि सरकार मतदाताओं को खुश करना चाहती है।

पीरामल कैपिटल और हाउसिंग फाइनेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर खुशरू जीजिना ने अंतरिम बजट को एक संतुलित बजट बताते हुए कहा कि इसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ शहर के मध्यम वर्ग का भी ध्यान रखा गया है। उम्मीद है कि बजटीय प्रावधानों से शहरी क्षेत्र के मध्यम वर्ग की मांग बढ़ेगी जिससे लक्षित आर्थिक वृद्धि को प्राप्त करने में सफलता मिलेगी।
 
मिड कैप्स, एंजल ब्रोकिंग के असिस्टेंट वॉइस प्रेसीडेंट अमरजीत मौर्य ने कहा कि बजट से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की आय में बढ़ोतरी होगी। टैक्स छूट 2.50 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने से लोगों की क्रय क्षमता बढ़ेगी। इससे एफएमसीजी, ऑटोमोबाइल और उपभोक्ता उत्पाद के क्षेत्र में सकारात्मक सुधार आएगा।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Interim Budget 2019 : क्या है कामधेनु योजना, जानिए कैसे मिलेगा इसका लाभ...