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यूक्रेन युद्ध के 1000 दिन, पीड़ितों के साथ एकजुटता दर्शाने का आग्रह

यूक्रेन युद्ध के 1000 दिन, पीड़ितों के साथ एकजुटता दर्शाने का आग्रह

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, बुधवार, 13 नवंबर 2024 (14:35 IST)
यूक्रेन पर रूसी सैन्य बलों के आक्रमण के एक हज़ार दिन पूरे होने से पहले संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने आगाह किया है कि भीषण हमलों के बीच कठोर सर्दी के मौसम में आम नागरिकों को विशाल चुनौतियो से जूझना पड़ रहा है।

यूक्रेन में ऊर्जा प्रतिष्ठानों व बुनियादी ढांचों पर हमलों की वजह से 65 फ़ीसदी उत्पादन क्षमता पर असर हुआ है, जिससे देश भर में बिजली आपूर्ति, तापन व्यवस्था और जल आपूर्ति में व्यवधान आया है। शरणार्थी मामलों के लिए यूएन उप उच्चायुक्त कैली क्लेमेन्ट्स ने कहा कि पिछले सप्ताह अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने मासूम लोगों पर इस संकट के गहरे प्रभाव को स्पष्टता से देखा।

उनके अनुसार, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे व नागरिक स्थलों पर भीषण हमले, हवाई हमलों की निरन्तर चेतावनी का स्थानीय नागरिकों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर गम्भीर असर हो रहा है।

अगस्त महीने के बाद से अब तक, क़रीब एक लाख 70 हज़ार लोग पूर्वी यूक्रेन में अपने घर छोड़कर जाने के लिए मजबूर हुए हैं। फ़रवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद, लगभग 40 लाख लोग यूक्रेन की सीमाओं के भीतर विस्थापित हुए हैं, जबकि 67 लाख लोगों ने अन्य देशों में शरण ली है। इनमें चार लाख नए शरणार्थी भी हैं, जिन्होंने 2024 की शुरुआत से अगस्त महीने तक अन्य योरोपीय देशों का रुख़ किया है।

जोखिम भरा आम जीवन : ख़ारकीव, यूक्रेन में युद्ध से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में है जहां इस युद्ध की भयावह वास्तविकता को देखा जा सकता है। उप उच्चायुक्त कैली क्लेमेन्ट्स ने बताया कि उनकी यात्रा के दौरान यूएन शरणार्थी एजेंसी द्वारा समर्थित एक केन्द्र पर विस्फोटों की आवाज़ सुनाई दे रही थी।

उन्होंने 65 वर्षीय स्वितलाना से मुलाक़ात की जिनका मकान बमबारी में बर्बाद हो गया था। यूएन एजेंसी अधिकारी के अनुसार उनका शान्त हौसला, दैनिक जीवन में युद्ध के दंश के बावजूद यूक्रेनी भावना का शक्तिशाली परिचायक था।

कैली क्लेमेन्ट्स की यात्रा के दौरान इस मौसम में पहली बार बर्फ़बारी हुई। ऊर्जा केन्द्रों व नागरिक प्रतिष्ठानों पर हमलों के कारण, यूक्रेनी नागरिकों को आने वाले महीनों में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। शिक्षा पर गहरा असर हुआ है, और अनगिनत बच्चे कक्षाओं में पढ़ाई व अपने सहपाठियों के साथ मिलने-खेलने से वंचित हो गए हैं।

ख़ारकीव में बच्चों को भूमिगत आश्रय स्थलों में पढ़ाई के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बार-बार हवाई हमलों से बचने के लिए वे मेट्रो स्टेशन में शरण लेते हैं, जहां उनकी पढ़ाई होती है, मगर वहां प्राकृतिक प्रकाश व खेलकूद के मैदान की व्यवस्था नहीं है।

पुनर्बहाली प्रयास : उप उच्चायुक्त के अनुसार इन चुनौतियों के बावजूद, यूक्रेन में पुनर्बहाली व सहनसक्षमता के संकेत नज़र आ रहे हैं। यूक्रेन सरकार तेज़ी से मानवतावादी व पुनर्बहाली प्रयासों की अगुवाई कर रही है। ज़मीनी स्तर पर सहायताकर्मी तेज़ी से सड़कों पर पड़े मलबे को हटाते हैं और क्षतिग्रस्त स्थलों की देखरेख करते हैं, जोकि यूक्रेन की शक्ति व दृढ़ता को प्रदर्शित करता है।

यूएन शरणार्थी एजेंसी ने वर्ष 2024 के लिए एक अरब डॉलर की सहायता अपील जारी की थी, जिसमें से केवल 50 फ़ीसदी का ही प्रबन्ध हो पाया है। उप उच्चायुक्त ने कहा कि यह समय साझेदारों द्वारा मुँह फेर लेने का नहीं है। यूक्रेन युद्ध अपने तीसरे वर्ष, में प्रवेश कर रहा है और इसके मद्देनज़र उसके लिए समर्थन निरन्तर जारी रखना होगा।

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