Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

सूडान: भीषण लड़ाई के बीच, 14 इलाक़ों में अकाल का वास्तविक जोखिम

सूडान: भीषण लड़ाई के बीच, 14 इलाक़ों में अकाल का वास्तविक जोखिम

UN

, शुक्रवार, 28 जून 2024 (15:00 IST)
संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक खाद्य सुरक्षा विश्लेषण में चेतावनी दी गई है कि सूडान में जारी युद्ध की वजह से वहां बड़े पैमाने पर अकाल पड़ने का जोखिम है। विशेषज्ञों का कहना है कि देश के 14 इलाक़ों पर सर्वाधिक ख़तरा है और खाद्य असुरक्षा के इस बदतरीन स्तर जैसे हालात, पहले कभी नहीं देखे गए हैं।

एक नवीनतम आकलन के अनुसार, सूडान में आधी से अधिक आबादी, क़रीब 2.56 करोड़ लोग, मौजूदा समय से लेकर सितम्बर महीने तक, संकट या उससे भी बदतर हालात का सामना कर सकते हैं।

IPC आकलन द्वारा जारी की गई चेतावनी के मद्देनज़र, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रमुखों ने आगाह किया है कि सूडान पर जिस स्तर पर भूख का संकट मंडरा रहा है, वैसा दारफ़ूर संकट के बाद से अब तक नहीं देखा गया है। 2000 के शुरुआती सालों में दारफ़ूर में भीषण लड़ाई, अत्याचारों के कारण तीन लाख से अधिक लोगों की जान गई थी और लाखों अन्य विस्थापित हुए थे।

मगर, दारफ़ूर संकट की तुलना में सूडान में मौजूदा आपात स्थिति ने क़रीब पूरे देश को अपनी चपेट में लिया हुआ है, और राजधानी ख़ारतूम समेत अन्य इलाक़ों में विनाशकारी स्तर पर भूख फैली हुई है।

खाद्य हालात पर एकीकृत सुरक्षा चरण वर्गीकरण (Integrated Security Phase Classification / IPC) विशेषज्ञों द्वारा अपने विश्लेषण में प्रभावित आबादी को पाँच हिस्सों में वर्गीकृत किया जाता है:

चरण 1, जहां कोई दबाव ना हो
चरण 2, जब लोगों को भोजन की तलाश में कठिनाई झेलनी पड़े
चरण 3, यह खाद्य संकट की एक स्थिति है
चरण 4, आपात स्थिति
चरण 5, विनाशकारी हालात या अकाल

फ़िलहाल सूडान में हालात, चरण 3 और उससे भी ख़राब स्थिति को दर्शाते हैं। सूडान के 10 प्रान्तों में साढ़े सात लाख से अधिक लोग ‘विनाशकारी’ स्तर पर (चरण 5) खाद्य असुरक्षा से पीड़ित हैं। इनमें ग्रेटर दारफ़ूर, साउथ कोर्दोफ़ान, नॉर्थ कोर्दोफ़ान, ब्लू नाइल, अल जज़ीरा, ख़ारतूम समेत अन्य प्रान्त सर्वाधिक प्रभावित हैं।

वहीं, 85 लाख लोग, यानि देश की आबादी का क़रीब 18 प्रतिशत हिस्सा, अब आपात स्तर पर खाद्य असुरक्षा (चरण 4) से जूझ रहा है।

अकाल के जोखिम से आम नागरिकों, युद्ध से विस्थापित होने वाले लोगों और शरणार्थियों को कम से कम 14 इलाक़ों पर विशेष रूप से ख़तरा बताया गया है।

IPC के आकलन में चेतावनी दी गई है कि यदि हिंसक टकराव और अधिक गहन रूप धारण करता है, और स्थानीय स्तर पर लड़ाकों की लामबन्दी होती है, तो आवाजाही, मानवीय सहायता, बाज़ार और आजीविका में व्यवधान आने से हालात और ख़राब होंगे

कार्रवाई की पुकार : खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा है कि सूडान की आधी आबादी युद्ध से त्रस्त है, और आम नागरिकों के लिए अपने परिवार का भरण-पोषण करना एक दैनिक संघर्ष बन गया है।

यूएन एजेंसी के प्रमुखों के अनुसार, वर्ष 2004 में IPC आकलन रिपोर्ट शुरू होने के बाद यह पहली बार है जब सूडान में ‘विनाशकारी स्तर’ (चरण 5) पर खाद्य असुरक्षा हालात की पुष्टि की गई है।

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा की तेज़ी से बिगड़ती हुई स्थिति का ख़ामियाज़ा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है, जोकि परस्पर विरोधी सैन्य बलों के बीच 14 महीने से जारी लड़ाई ने देश को तहस-नहस कर दिया है।

यूएन एजेंसियों ने सूडान में संकट पर बार-बार आगाह किया है और व्यापक स्तर पर देश में व उन पड़ोसी देशों में  मानवीय सहायता अभियान शुरू किया है, जहाँ 20 लाख से अधिक शरणार्थियों ने आश्रय लिया है।

संयुक्त राष्ट्र ने तुरन्त युद्धविराम लागू किए जाने, मानवीय सहायता मार्ग सुलभ बनाने और कूटनैतिक व वित्तीय सहायता के लिए प्रयासों पर बल दिया है, ताकि मौजूदा संकट से घिरे लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

सभापति धनखड़ ने कहा- नेता प्रतिपक्ष खरगे ने आसन के समक्ष आकर तोड़ी परंपरा