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ग़ाज़ा: नुसीरत में मौतें और तबाही हैं युद्ध का ‘भूकम्पी’ चेहरा

ग़ाज़ा: नुसीरत में मौतें और तबाही हैं युद्ध का ‘भूकम्पी’ चेहरा

UN

, सोमवार, 10 जून 2024 (13:42 IST)
मध्य ग़ाज़ा में नुसीरात इलाक़े में विस्थापितों के लिए एक स्कूल में UNRWA द्वारा बनाए गए एक आश्रय स्थल पर, इसराइली हवाई हमले में 35 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें लगभग 14 बच्चे भी थे।

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवीय सहायता अधिकारी मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने ग़ाज़ा में जारी युद्ध पर भारी क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा है कि इसराइली सेना द्वारा बन्धकों को छुड़ाने के लिए, नुसीरत शरणार्थी शिविर पर किए गए हवाई हमले के बाद जान-माल की भारी तबाही को देखने पर ये स्पष्ट है कि युद्ध जारी रहने के हर दिन, ‘यह और भी भयानक और भीषण’ हो रहा है।

ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार शनिवार को मध्य ग़ाज़ा में नुसीरत शरणार्थी शिविर के आपसपास इसराइली सेनाओं और हमास के चरमपंथियों के बीच हुई सघन लड़ाई में 270 से अधिक लोग मारे गए जिनमें कुछ बच्चे और आम नागरिक भी हैं। इस युद्ध में 600 से अधिक लोगों के घायल होने की भी ख़बरें हैं, जिनसे अस्पताल भर गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय आपदा राहत समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि नुसीरात शिविर ‘एक ऐसी भूकम्पीय पीड़ा का केन्द्र है, जिसकी तकलीफ़ों का बोझ, ग़ाज़ा के लोग हर दिन ढो रहे हैं’ इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है, ‘ज़मीन पर पड़े शवों को देखकर, हमें याद आता है कि ग़ाज़ा में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है’

अब भी अनेक लोग बन्धक : यूएन मानवीय आपदा राहत प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि अलबत्ता इसराइली सेना के अभियान की बदौलत, चार बन्दक रिहा होकर अपने परिवारों के साथ मिल सके हैं, मगर अब भी अनेक लोगों को बन्धक बनाकर रखा हुआ है। उन सभी बन्धकों को तत्काल रिहा किया जाए।

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने शनिवार को इन बन्धकों की रिहाई के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि उन्होंने सम्बन्धित परिवारों को संवेदना सन्देश भेजे हैं। महासचिव ने कहा, ‘मैं तमाम बन्धकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई और इस युद्ध को तत्काल रोके जाने की अपनी अपील दोहराता हूं’

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने ज़ोर देकर कहा कि सभी आम लोगों को संरक्षण मुहैया कराया जाना होगा। इस सामूहिक पीड़ा का अभी अन्त हो सकता है और होना ही होगा। यूएन आपदा राहत प्रमुख ने कहा कि नुसीरत शिविर पर हमले के बाद वहाँ रखे गए शवों दो देखना, ये याद दिलाता है कि ग़ाज़ा पट्टी में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है, जहां इसराइल ने 7 अक्टूबर के आतंकी हमलों के बाद लगातार भीषण युद्ध जारी रखा हुआ है।

ग़ौरतलब है कि फ़लस्तीनी चरमपंथियों के इसराइल के दक्षिणी इलाक़े में किए गए हमले में लगभग 1200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक लोगों को बन्धक बना लिया गया था। ऐसे अनुमान हैं कि उनमें से लगभग 40 बन्धकों की मौत हो चुकी है और अब भी 110 बन्धक फ़लस्तीनी चरमपंथियों के क़ब्ज़े में हैं।

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती ख़ून से लथपथ मरीज़ों को देखकर हमारी याद पक्की होती है कि ग़ाज़ा में स्वास्थ्य देखभाल, केवल एक धागे भर से लटकी हुई है।

बमबारी और युद्ध के बाद के हालात में अल अक़्सा अस्पताल से जारी वीडियों में नज़र आता है कि बहुत से हताहत लोगों को फ़र्श पर ही रखा गया है, जबकि नुसीरत के अल-अदवा अस्पताल के निदेशक ने ख़बर दी है कि शवों को दफ़नाने के लिए अस्पताल में कोई शवागार उपलब्ध नहीं है।

इस बीच युद्धविराम लागू किए जाने और बन्धकों की रिहाई के लिए, इसराइल व हमास के दरम्यान बातचीत जारी है, मगर 31 मई को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को, किसी भी पक्ष ने स्वीकार नहीं किया है।
Edited by Navin Rangiyal

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