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साल 2021 में टोक्यो में लहराया तिरंगा, ओलंपिक और पैरालंपिक में मिली सर्वश्रेष्ठ पदक तालिका

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शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021 (18:22 IST)
नई दिल्ली: साल 2021 भारतीय खेलों के लिए यादगार वर्ष बन गया। कोरोना कहर के कारण एक वर्ष विलम्ब से हुए टोक्यो ओलम्पिक और पैरालम्पिक खेलों में भारत ने अब तक का अपना सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए क्रमशः 7 और 19 पदक जीते। एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो में ऐतिहासिक थ्रो फेंककर भारत को एथलेटिक्स में पहला पदक स्वर्ण के रूप में दिलाया। भारतीय पुरुष हॉकी ने चार दशकों का सूखा समाप्त करते हुए कांस्य पदक जीता।

बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू ने लगातार दूसरा पदक जीतकर पहलवान सुशील कुमार के लगातार दो ओलम्पिक में पदक जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी की। महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने टोक्यो में ऐतिहासिक रजत पदक जीता। ओलंपिक में पदार्पण करने वाले पहलवान रवि कुमार दहिया, बजरंग पुनिया,लवलीना बोर्गोहैन और नीरज चोपड़ा ने पदक जीते, जबकि मीराबाई चानू, पीवी सिंधू और भारतीय हॉकी टीम ने पदक जीतकर लंदन 2012 को पीछे छोड़ दिया।

भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में 19 पदक अपने नाम किए, जो कि एक एक सत्र में सबसे अधिक थे और यह संख्या पिछले सत्रों में संयुक्त रूप से जीते गए सभी पदकों से भी अधिक थी।भारतीय दल ने 5 स्वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्य पदक अपने नाम किए।

भारतीय खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा आठ, निशानेबाजी में 5, बैडमिंटन में 4, टेबल टेनिस और तीरंदाजी में एक-एक पदक जीता । पैरालंपिक खेलों के इतिहास में पहली बार भारत के पदकों की संख्या दोहरे अंकों में पहुंची।

इससे पहले भारत ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साल 2016 के रियो पैरालंपिक में किया था जहां 2 स्वर्ण समेत भारतीय दल ने 4 पदक अपने नाम किए थे। पैरा निशानेबाज अवनि लेखारा पैरालंपिक स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय

महिला बनीं और जब उन्होंने कांस्य पदक जीता तो उन्होंने दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनने का खिताब हासिल किया। जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल ने अपनी कैटेगरी में तीन बार स्वर्ण पदक जीतने के दौरान विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया, जबकि देवेंद्र झजारिया और मरियप्पन थंगावेलु ने अपने पैरालंपिक पदकों की संख्या में इजाफा किया।

नीरज ने जीता ऐतिहासिक गोल्ड

टोक्यो में भारत के महानायक बन गए युवा एथलीट नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचते हुए सबसे बड़ी सफलता दिलाई। 23 वर्षीय नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक पर अपना कब्जा जमाया। नीरज ने फाइनल में अपना पहला थ्रो 87.03 मीटर और दूसरा थ्रो 87.58 मीटर का फेंका नीरज के दूसरे थ्रो ने भारत का ओलंपिक में स्वर्ण पदक पक्का कर दिया। ओलंपिक इतिहास में ट्रैक एंड फील्ड में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाने वाले नीरज पहले भारतीय खिलाड़ी बने।

साल 2016 में रियो ओलम्पिक में रजत जीतने वाली सिंधू ने इस बार कांस्य पदक जीता और सुशील कुमार के बाद लगातार दो ओलम्पिक में पदक जीतने वाली वह दूसरी खिलाड़ी बन गयीं। किदाम्बी श्रीकांत ने बीडब्लूएफ विश्व चैंपियनशिप में इतिहास रचते हुए भारत के लिए पहली बार रजत पदक जीता। फाइनल के रास्ते में सिर्फ दो गेम गंवाकर किदांबी श्रीकांत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पाब्लो एबियन, ली शी फेंग, लू गुआंग ज़ू, मार्क कैलजॉव और हमवतन लक्ष्य सेन को हराया। उन्होंने फाइनल में फॉर्म में चल रहे सिंगापुर के लोह कीन यू को मात दी। युवा लक्ष्य सेन सेमीफाइनल में श्रीकांत से हारे लेकिन उनके हिस्से में भी कांस्य पदक आया।

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो में कांस्य पदक जीतकर ने 41 साल के सूखे को खत्म किया। भारत ने कांस्य पदक मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से पराजित किया। भारत ने इससे पहले 1980 के मॉस्कों ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था।

भारतीय टीम ने साल के अंत में जाते-जाते पाकिस्तान को 4-3 से हराकर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में कांस्य पदक जीता। मीराबाई चानू ने ओलंपिक में 49 किग्रा वर्ग में इतिहास रचते हुए रजत पदक अपने नाम किया। उन्होंने स्नैच में 86 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 119 किग्रा का भार उठाया। मीरा ने कुल 205 किलोग्राम भार उठाया।

भारत ने टोक्यो ओलम्पिक में कुल सात पदक जीते और 2012 के लंदन ओलम्पिक में छह पदक जीतने के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में सुधार किया। टोक्यो पैरालम्पिक में भारत ने रिकॉर्ड 19 पदक जीते। ओलम्पिक और पैरालम्पिक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के कारण ही खेल मंत्रालय ने 12 खिलाड़ियों को देश के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न से सम्मानित किया जबकि रिकॉर्ड 35 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार प्रदान किये गए।

मेडल नहीं लेकिन कुछ खिलाड़ियों ने जीता दिल

भले ही कुछ खिलाड़ियों ने पदक न जीते हों, लेकिन उन्होंने कुछ यादगार प्रदर्शन किए और सभी बाधाओं को तोड़ते हुए अपनी पहचान बनाई। भवानी देवी ओलंपिक में क्वालीफाई करने और एक मुकाबला जीतने वाली पहली भारतीय तलवारबाज बनीं।

टोक्यो 2020 में महिला भारतीय हॉकी टीम चौथे स्थान पर रही, जो खेलों में टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था और क्वार्टर फाइनल में तीन बार की ओलंपिक चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को भी हराया।

ओलंपिक में टेबल टेनिस सिंगल्स इवेंट में मनिका बत्रा ने राउंड ऑफ 32 में जगह बनाई। वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, जिसने खेल के दौरान एक उच्च रैंक वाली मार्गरीटा पेसोत्स्का को जीत के लिए काफी परेशान किया। साजन प्रकाश 'ए' कट बनाकर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय तैराक बने, जिसका मलतब है कि उन्होंने ओलंपिक क्वालीफाइंग मानक समय को पूरा किया। श्रीहरि नटराज जल्द ही ऐसा करने वाले दूसरे भारतीय बन गए।(वार्ता)

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