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ओलंपिक चैंपियन भी बनाती है भारतीय सेना, सूबेदार नीरज चोपड़ा हैं इसकी मिसाल, पढ़िए स्वर्णिम सफलता की कहानी

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शनिवार, 7 अगस्त 2021 (22:06 IST)
टोक्यो ओलंपिक 2020 में 87.58 मीटर भाला फेंककर नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया। नीरज ने भारत का एथलेटिक्स में ओलंपिक में पदक जीतने का पिछले 100 साल से भी अधिक समय के इंतजार को खत्म किया। अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। नीरज की इस उपलब्धि पर भारतीय सेना भी खुश है, क्योंकि उनकी इस कामयाबी में सेना का भी बड़ा हाथ है। वे सेना की राजपूताना रेजीमेंट (Rajputana Regiment) में सूबेदार हैं।

नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत के एक छोटे से गांव खंडार के किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता किसानी करते हैं। मां सरोज देवी एक गृहिणी हैं। नीरज ने अपने वजन को कम करने के लिए भाला फेंकना शुरू किया और यह उनका पसंदीदा खेल बन गया। वे एक इतिहास बनाना चाहते थे।

पोलैंड में विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप में उन्होंने 86.48 मीटर के थ्रो के साथ एक नया जूनियर विश्व रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने यहां अपनी खेल प्रतिभा को प्रदर्शित किया। उन्होंने भुवनेश्वर में 85.23 मीटर के थ्रो के साथ एशियाई चैंपियनशिप 2017 जीती।

नीरज ने जर्मनी के महान मिस्टर उवे हॉन के तहत ट्रेनिंग शुरू की और कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में 86.47 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता और डायमंड लीग 2018 के दोहा लेग में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 87.43 मीटर तक भाला फेंका।
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#Proud

General MM Naravane #COAS and All Ranks of #IndianArmy congratulate Subedar Neeraj Chopra on winning Nation’s first ever #GoldMedal in #Javelin in Olympics with a throw of 87.58 meters at #TokyoOlympics.#MissionOlympics#Tokyo2020 pic.twitter.com/HUotK29P4K

— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) August 7, 2021 >
15 मई 2016 में नीरज को नायब सूबेदार के पद पर जूनियर कमिशंड ऑफिसर के रूप में चुना गया था। अमूमन भारतीय सेना किसी खिलाड़ी को जवान या नॉन कमीशंड ऑफिसर के पद पर भर्ती करती है, लेकिन नीरज की काबिलियत के मद्देनजर उन्हें सीधे नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त किया गया था।

भारतीय सेना में शामिल होने के बाद नीरज को मिशन ओलंपिक विंग और आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट, पुणे में ट्रेनिंग के लिए चुना गया था। मिशन ओलंपिक विंग, विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए 5 मिशन ओलंपिक नोड्स में 11 चयनित विषयों में कुलीन खिलाड़ियों की पहचान करने और ट्रेनिंग करने के लिए भारतीय सेना की यह एक प्रमुख पहल है।

मिशन ओलंपिक विंग ने राष्ट्र को निशानेबाजी में 2 ओलंपिक रजत पदक दिए हैं और कई और के लिए प्रतिबद्ध है। सूबेदार नीरज चोपड़ा का पदक मिशन ओलंपिक विंग की कड़ी मेहनत और प्रयासों का फल है। नीरज चोपड़ा को खेल में उत्कृष्टता के लिए 2018 में अर्जुन पुरस्कार और 2020 में वीएसएम से सम्मानित किया गया।
नीरज ने ओलंपिक में एक सच्चे सैनिक की तरह प्रदर्शन किया। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे और बल के सभी रैंकों ने भी चोपड़ा को उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी।

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