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सिंधु के अलावा मुश्किल है बैडमिंटन में राह, पुरुष खिलाड़ियों को मिला है कठिन ग्रुप

सिंधु के अलावा मुश्किल है बैडमिंटन में राह, पुरुष खिलाड़ियों को मिला है कठिन ग्रुप
, बुधवार, 21 जुलाई 2021 (19:46 IST)
नई दिल्ली: पिछले दो ओलंपिक में पदक जीत चुके भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी रियो खेलों की रजत पदक विजेता और मौजूदा विश्व चैम्पियन पी वी सिंधू की अगुवाई में टोक्यो में खेलेंगे तो उनका लक्ष्य पदकों की हैट्रिक लगाने का होगा।
 
टोक्यो ओलंपिक में भाग ले रहे भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों का विश्लेषण इस प्रकार है। इनमें किसी का लक्ष्य पहला पदक जीतना तो किसी का लक्ष्य पदक का रंग बेहतर करना होगा।
 
पी वी सिंधू :
 
रियो ओलंपिक में अप्रत्याशित सफलता के साथ सिंधू भारत में जाना पहचाना नाम बन गई। उन्होंने लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल से एक कदम आगे निकलकर पहले ही ओलंपिक में रजत पदक जीता। पांच साल बाद अब सिंधू के पास अधिक अनुभव है और वह 2017 विश्व चैम्पियनशिप फाइनल भी खेल चुकी हैं। करीब 110 मिनट तक चले उस दूसरे सबसे लंबे महिला एकल मुकाबले में सिंधू को जापान की नाओमी ओकुहारा ने हराया था । एक साल बाद वह फिर फाइनल में पहुंची लेकिन ओलंपिक चैम्पियन कैरोलिना मारिन से हार गई।
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वह 2018 राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों के फाइनल में भी हार गई लेकिन इस सिलसिले को उसने विश्व टूर फाइनल्स 2018 और बासेल में 2019 विश्व चैम्पियनशिप में तोड़ा।
 
टोक्यो में वह स्वर्ण की प्रबल दावेदार होगी क्योंकि मारिन भी चोट के कारण नहीं खेल रही है। ओलंपिक से पहले हालांकि वह सिर्फ स्विस ओपन के फाइनल में पहुंची और आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में सेमीफाइनल तक ही पहुंच सकी।
 
वह हालांकि बड़े मैचों की खिलाड़ी है और नये विदेशी कोच पार्क ताए सांग के साथ उन्होंने अपनी कमजोरियों पर काम किया है। ड्रॉ को देखें तो उसे ग्रुप जे में हांगकांग की चुएंग एंगान यि और इस्राइल की सेनिया पी को हराने में दिक्कत नहीं आयेगी। प्री क्वार्टर में उसका सामना डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट से हो सकता है।
 
बी साइ प्रणीत :
 
पहली बार ओलंपिक खेल रहे प्रणीत छिपे रूस्तम साबित हो सकते हैं। सिंधू, साइना और किदाम्बी श्रीकांत जैसे सितारों के बीच उन्होंने 2017 सिंगापुर ओपन जीतकर अपना लोहा मनवाया। फिटनेस समस्याओं से उबरकर उन्होंने 2019 विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य जीता और यह कमाल करने वाले वह प्रकाश पादुकोण के बाद दूसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं।
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उन्हें पदक जीतने के लिये जापान के केंतो मोमोता, रियो के कांस्य पदक विजेता विक्टर एक्सेलसेन, चीन के शि यू की से पार पाना होगा ।
 
चिराग शेट्टी और सात्विक साइराज रांकिरेड्डी : (पुरूष युगल)
 
चिराग और सात्विक के प्रदर्शन में हर टूर्नामेंट के साथ निखार आया है। पूर्व ओलंपिक पदक विजेता डेनमार्क के मथियास बोए के मार्गदर्शन में वे टोक्यो ओलंपिक में युगल वर्ग में इतिहास रच सकते हैं।
मुंबई के चिराग और अमलापुरम के सात्विक ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली भारत की दूसरी युगल टीम है। दोनों राष्ट्रमंडल खेल 2018 में युगल रजत जीत चुके हैं।इसके बाद थाईलैड ओपन 500 में खिताब और फ्रेंच सुपर 750 में रजत पदक जीता।
 
दोनों को कठिन ड्रॉ मिला है जिसमें उनके ग्रुप में दुनिया की नंबर एक टीम इंडोनेशिया के केविन संजय सुकामुलजो और मार्कस फर्नाल्डी गाइडोन शामिल हैं।(भाषा)

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