टोक्यो ओलंपिक जब शुरु हुआ था तो हॉकी से सभी को पदक लाने की बहुत उम्मीदें थी। पदक की उम्मीदें अभी भी है लेकिन भारतीय टीम अब टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड नहीं जीत सकेगी क्योंकि भारतीय पुरुष हॉकी टीम अंतिम 11 मिनट के अंदर तीन गोल गंवाने के कारण टोक्यो ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल में मंगलवार को विश्व चैंपियन बेल्जियम से 2-5 से हार गयी।
भारतीय टीम ने 3 क्वार्टर तक बेल्जियम को बराबरी पर रोके रखा लेकिन अंतिम क्वार्टर में बेल्जियम इस कदर हावी हो गई कि पासा पूरी तरह बेल्जियम के पक्ष में पलट गया। यह थे हार के 5 कारण।
बेल्जियम के डिफेंस को ना भेद पाना- बेल्जियम का डिफेंस सबसे मजबूत डिफेंस माना जाता है। आज के मुकाबले इस ओलंपिक में वह 11 गोल खा चुके हैं। पूरे ओलंपिक में सिर्फ 2 पेनल्टी कॉर्नर पर गोल खाए जिसमें से 1 आज का था। डिफेंस को भेद पानी की रणनीति जो भारत ने बनाई थी वह कारगर साबित नहीं हुई।
बॉल पसेशन - जब बेल्जियम 4-2 की बढ़त ले चुका था तब भारत गेंद को अपने पास रखने में नाकामयाब दिख रहा था। एक बार तो भारत ने अपने हाफ में ही बेल्जियम के खिलाड़ी से फ्री हिट गंवा दी थी। ऐसी गलती इतने बड़े मुकाबले में नहीं होनी चाहिए।
श्रीजेश का लचर प्रदर्शन- श्रीजेश के खाते में आज 4 गोल जुड़ेंगे क्योंकि भले ही16 पेनल्टी कॉर्नर या स्ट्रोक्स में से सिर्फ 3 ही बेल्जियम गोल के तौर पर कन्वर्ट कर पाया लेकिन एक गोल ऐसा था जिसको श्रीजेश रोक सकते थे। यह पेनल्टी कॉर्नर में बेल्जियम के ड्रैगफ्लिकर द्वारा किया गया गोल था। दायीं ओर डाइव तो श्रीजेश ने लगाई थी लेकिन गोल रोकने में नाकामयाब रहे।
बेल्जियम के खिलाड़ियों को थकाने में विफल- बेल्जियम के खिलाड़ी गर्म मौसम में खेलने के आदी नहीं है। चौथा क्वार्टर जब शुरु हुआ तो वह गेंद कलेक्ट करने में गलती भी कर रहे थे लेकिन इस गलती का फायदा भारत नहीं उठा पाया। ना ही बेल्जियम के खिलाड़ियों को लंबे समय तक गेंद से दूर रख पाया।
पेनल्टी कॉर्नर की लग गई झड़ी- अंपायर ने बेल्जियम को चौथे क्वार्टर में पेनल्टी कॉर्नर लगातार दिए। हालांकि इसमें भारत की भी गलती रही। अंतिम पेनल्टी कॉर्नर भारत को सबसे महंगा पड़ा क्योंकि इस निर्णय को अंपायर ने पेनल्टी स्ट्रोक के तौर पर बदल दिया। एलेक्जेंडर कोई गलती नहीं करने वाले थे और इस गोल के बाद भारत की हार लगभग तय हो चुकी थी।
लय बरकरार ना रख पाना- पहले क्वार्टर में भारत ने गजब का खेल दिखाया। 0-1 से पीछे होने के बावजूद भी 2 गोल करके भारत पहले क्वार्टर में 2-1 की बढ़त पर था।जिस तरह दूसरा मैदानी गोल हुआ था उससे लगा था कि भारत इस लय को बरकरार रखेगा लेकिन इस क्वार्टर के बाद भारत एक भी गोल करने में सक्षम नहीं हो पाया। (वेबदुनिया डेस्क)