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आतंक की दुनिया के 6 'खौफनाक' चेहरे...

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आईएसआईएस और बोको हराम ऐसे आतंकवादी संगठन हैं जिन्होंने अपने-अपने इलाकों में 2015 के दौरान जमकर खूनी खेल खेला। अन्य संगठनों ने भी आतंक को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन इन संगठनों के पीछे हैं वे खतरनाक चेहरे, जो पूरी दुनिया में खौफ और आतंकवाद का पर्याय बन चुके हैं। यही वजह है कि इन संगठनों के सरगना अब दुनिया के मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी बन चुके हैं। इनमें से एकाध तो मारे भी गए हैं। आइए जानते हैं खौफ के इन्हीं घिनौने चेहरों के बारे में...



1. अबू बकर अल बगदादी (ISIS) : दुनिया में यह नाम अब दरिंदगी और दहशत का पर्याय बन चुका है। आईएसआईएस नामक आतंकी संगठन का यह सरगना कभी-कभी चेहरे पर नकाब पहनता है इसीलिए उसे 'अदृश्य शेख' भी कहा जाता है। पहली बार वह जुलाई 2014 में एक वीडियो में दिखाई दिया था जिसमें उसने मुसलमानों से उसे अपना खलीफा मानने की बात कही थी। वैसे तो अल कायदा आतंक की दुनिया का बड़ा नाम है, लेकिन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया यानी आईएसआईएस उससे बड़ा शैतान बन गया है। अल बगदादी के नेतृत्व में इस आतंकी संगठन ने उत्तरी इराक और पश्चिमी सीरिया पर कब्जा कर रखा है। बगदादी का ये संगठन इतना बर्बर और हिंसक है कि अल कायदा ने भी इसकी निंदा की थी। इस आतंकी संगठन में दुनियाभर के लड़ाके शामिल हैं जिनमें फ्रांस और ब्रिटिश मुस्लिम लड़ाकों की तादाद सबसे ज्यादा है।

2. अयमान-अल-जवाहिरी (अल कायदा) : अयमान-अल-जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र में हुआ था। उसने आतंकी संगठन में शामिल होने से पहले काहिरा विश्वविद्यालय से सर्जरी में मास्टर डिग्री हासिल की थी। वह डॉक्टरों और विद्वानों के एक संपन्न और अमीर परिवार से ताल्लुक रखता है। वह अफगानिस्तान पर सोवियत कब्जे का विरोध करने के लिए कट्टरपंथी इस्लामिक जिहाद में शामिल हुआ था। इसी दौरान उसकी मुलाकात अल कायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन से हुई थी। उसे चेचन्या में जिहादियों की भर्ती के लिए हिरासत में लिया गया था। उसके साथियों ने मिस्र में 62 पर्यटकों की हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद अल-जवाहिरी का नाम अमेरिका की एफबीआई की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल हो गया। अल कायदा दुनियाभर में आतंकी संगठनों में सबसे बड़ा ब्रांड माना जाता है। इस उग्रवादी संगठन की स्थापना 1989 में ओसामा बिन लादेन ने की थी। ओसामा के नेतृत्व में ही अल कायदा ने अमेरिका में 9/11 का हमला किया था। इसके बाद अफगान युद्ध शुरू हुआ, जो मई 2012 में लादेन की मौत के साथ खत्म हुआ। फिलहाल यह संगठन अल-जवाहिरी के नेतृत्व में अपना नेटवर्क फिर से मजबूत करने में सक्रिय है।

3. जलालुद्दीन हक्कानी (तालिबान) : अफगानिस्तान में तालिबान के तमाम गुटों में सबसे खूंखार हक्कानी नेटवर्क का मुखिया जलालुद्दीन हक्कानी अब मारा जा चुका है। उसका मकसद अफगानिस्तान में शरीयत कानून लागू करना था। 'तालिबान' एक पश्तो शब्द है जिसका मतलब है छात्र। तालिबान दुनिया के उन चुनिंदा आतंकी संगठनों में से एक है जिन्होंने किसी देश पर राज किया हो। इस संगठन ने अफगानिस्तान में 1996 से 2001 तक सत्ता संभाली। इस संगठन की स्थापना मुल्ला मोहम्मद उमर ने की थी। तालिबान ने अफगानिस्तान में शरीयत और इस्लामी कानून लागू कर इसे सदियों पीछे धकेल दिया। इसे अल कायदा का समर्थन भी हासिल था लेकिन अमेरिकी हमले ने इसे अफगानिस्तान के कई इलाकों से उखाड़ फेंका।

4. मुल्ला फजलुल्लाह (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) : इस आतंकी संगठन के दूसरे मुखिया हकीमुल्लाह महसूद की मौत के बाद मौलाना फजलुल्लाह ने इस संगठन की कमान संभाली है। फजलुल्लाह इस संगठन के संस्थापक महसूद का खास माना जाता है। संगठन में आतंक के दम पर जगह बनाने वाले फजलुल्लाह को नवंबर 2013 टीटीपी का तीसरा मुखिया चुना गया था। टीटीपी का ठिकाना पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर मौजूद आदिवासी क्षेत्रों में है। यह संगठन कई इस्लामिक आतंकी संगठनों से मिलकर बना है। पाकिस्तानी तालिबान के नाम से कुख्यात इस संगठन की स्थापना पाकिस्तानी के कुख्यात आतंकवादी बैतुल्ला महसूद ने की थी जिसकी 23 अगस्त 2009 को मौत हो गई थी।

बैतुल्ला महसूद को पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्‍टो की हत्या के लिए जिम्मेदार माना जाता है। पाकिस्तानी तालिबान अक्सर पाकिस्तानी राज्यों को अपना निशाना बनाता रहा है लेकिन कई खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस संगठन का असली मकसद अमेरिका के कई बड़े शहरों को अपना निशाना बनाना है। इसी संगठन ने पाकिस्तान के पेशावर में आर्मी स्कूल पर हमला कर सैकड़ों मासूम बच्चों की जान ले ली थी। अमेरिका ने फजलुल्लाह को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। साथ ही एक बार इसके मरने की खबरें भी आई थीं, लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हो सकी।

5. अबू बकर शेकऊ (बोको हराम) : अफ्रीका में अबू बकर शेकऊ आतंक का सबसे बड़ा नाम बन चुका है। यहां के कई देशों की सरकारें उसके नाम से कांपती हैं। अफ्रीका के विभिन्न देशों में कहर बरपाने वाला अबू बकर शेकऊ आतंकी संगठन बोको हराम का सरगना है, जो नाइजीरिया समेत कई अफ्रीकी देशों में इस्लामी राज और शरिया कानून लागू करना चाहता है। उसका आतंकी संगठन बोको हराम नाइजीरिया से संचालित हो रहा है। यह आतंकी संगठन अपनी बर्बरता के लिए जाना जाता है।

यह संगठन उस वक्त दुनिया की नजर में आया, जब इसने नाइजीरिया के एक स्कूल से 250 छात्राओं को अगवा कर लिया था जिनमें से कुछेक छात्राएं ही अपने घरों को लौट सकी हैं, क्योंकि उन्हें संगठन के लोगों ने मुसलमान बनाकर उनसे जबरन निकाह कर लिया। अंग्रेजी में 'बोको हराम' का अर्थ है 'पश्चिमी शिक्षा पाप है'। सामाजिक-आर्थिक मुद्दों से निपटने में विफल नाइजीरियाई सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है इसलिए यह आतंकी संगठन अपना काम आसानी से अंजाम दे रहा है।

6. जिहादी जॉन : ऐसा माना जा रहा है कि सीरिया में अमेरिकी ड्रोन हमले में इस्लामिक स्टेट का कुख्यात ब्रिटिश आतंकवादी जिहादी जॉन मारा गया है, जो वीडियो में नकाब पहनकर बंधकों को मौत के घाट उतारता दिखाई देता रहा है। उसका मूल नाम मोहम्मद एमवाजी था। अमेरिकी सैन्य बलों ने 12 नवंबर 2015 को मोहम्मद एमवाजी को निशाना बनाते हुए सीरिया के रक्का में हवाई हमला किया।

पेंटागन के मुताबिक एमवाजी अमेरिकी पत्रकारों स्टीवन सोटलोफ और जेम्स फोले, अमेरिकी सहायताकर्मी अब्दुल रहमान कासिग, ब्रितानी सहायताकर्मी डेविड हेन्स और एलन हेनिंग और जापानी पत्रकार केंजी गोटो और कई अन्य बंधकों की हत्याओं वाले वीडियो में नजर आया। अंग्रेजी बोलने वाले एमवाजी के बारे में माना जाता है कि उसकी पैदाइश कुवैत में हुई थी।

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