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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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Hariyali Teej 2023: हरियाली तीज की पूजा के शुभ मुहूर्त, सामग्री और विधि

Hariyali Teej 2023: हरियाली तीज की पूजा के शुभ मुहूर्त, सामग्री और विधि
Hariyali Teej 2023 
 
Hariyali Teej 2023 : 19 अगस्त 2023, दिन शनिवार को यानी आज सावन अधिक मास का हरियाली तीज का पर्व मनाया जा रहा है। सुहागिनों के लिए सबसे खास माना जाने वाला यह व्रत करवा चौथ के व्रत से भी ज्यादा कठिन माना जाता है, यह व्रत पत्नियां या सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए उपवास रखकर करती हैं।

सावन के पवित्र माह में पड़ने वाला यह तीज का त्योहार बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन वि‍वाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। 
 
आइए यहां जानें हरियाली तीज के शुभ मुहूर्त, पूजन की सामग्री और पूजा विधि 
 
हरियाली तीज 2023 के शुभ मुहूर्त : Hariyali Teej 2023 Muhurat
 
श्रावण शुक्ल तृतीया तिथि का प्रारंभ- 18 अगस्त 2023 को 08.01 पी एम से, 
तृतीया का समापन- 19 अगस्त 2023 को 10.19 पी एम पर। 
हरियाली तीज शनिवार, 19 अगस्त 2023 को मनाई जाएगी। 
 
आज का चौघड़िया : 
शुभ- 07.30 ए एम से 09.08 ए एम
चर- 12.25 पी एम से 02.03 पी एम
लाभ- 02.03 पी एम से 03.41 पी एम
अमृत- 03.41 पी एम से 05.19 पी एम
 
रात्रि का चौघड़िया : 
लाभ- 06.57 पी एम से 08.19 पी एम
शुभ- 09.41 पी एम से 11.03 पी एम
अमृत- 11.03 पी एम से 20 अगस्त को 12.25 ए एम तक। 
चर- 12.25 ए एम से 20 अगस्त को 01.47 ए एम तक।
लाभ- 04.31 ए एम से 20 अगस्त को 05.53 ए एम तक। 
 
पूजन की आवश्यक सामग्री : Pujan Samgri 2023
बेल पत्र, 
केले के पत्ते, 
धतूरा, 
आंक पेड़ के पत्ते, 
तुलसी, 
शमी के पत्ते, 
काले रंग की गीली मिट्टी, 
जनेऊ, 
धागा और नए वस्त्र।  
 
माता पार्वती जी के श्रृंगार की जरूरी सामग्री : 
चूडियां, 
महौर, 
खोल, 
सिंदूर, 
बिछुआ, 
मेहंदी, 
सुहाग चूड़ा, 
कुमकुम, 
कंघी, 
सुहागिन के श्रृंगार की चीज़ें। 
 
अन्य सामग्री : 
कलश, 
अबीर, 
चंदन, 
तेल और घी, 
कपूर, 
दही, 
चीनी, 
शहद,
दूध, 
पंचामृत,
श्रीफल आदि।
 
हरियाली तीज पूजा विधि : Shiv Parvati Puja Vidhi 2023
 
हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह से रात तक व्रत रखती हैं। 
इस व्रत में रात भर पूजन किया जाता है। 
इस उपलक्ष्य में बालू के भगवान शंकर व माता पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है।
एक चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सहेली की प्रतिमा बनाई जाती है।
प्रतिमा बनाते समय भगवान का स्मरण करते हुए और पूजन करते रहें।
पूजन-पाठ के बाद महिलाएं रात भर भजन-कीर्तन करती है और हर प्रहर को इनकी पूजा करते हुए बिल्वपत्र, आम के पत्ते, चंपक के पत्ते, केवड़ा अर्पण करके आरती करनी चाहिए। 
 
पूजन के मंत्र नीचे पढ़ें: 
 
जब माता पार्वती की पूजा कर रहे हों, तब इन मंत्रों को बोलना चाहिए-
 
ॐ जगत्प्रतिष्ठायै नम:,
ॐ शांतिरूपिण्यै नम:,
ॐ शिवायै नम:
ॐ उमायै नम:,
ॐ पार्वत्यै नम:,
ॐ जगद्धात्र्यै नम:,
 
भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करनी चाहिए-
 
ॐ शिवाय नम:,
ॐ महादेवाय नम:
ॐ हराय नम:,
ॐ महेश्वराय नम:,
ॐ शंभवे नम:,
ॐ शूलपाणये नम:,
ॐ पिनाकवृषे नम:,
ॐ पशुपतये नम:
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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