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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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हरतालिका तीज 2022 : क्या है 16 पत्तियों का राज, कैसे चढ़ाएं, जानिए पूजा की हर बात

हरतालिका तीज 2022 : क्या है 16 पत्तियों का राज, कैसे चढ़ाएं, जानिए पूजा की हर बात
Hartalika teej 2022: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को महिलाएं हरतालिका तीज का निर्जला व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा और आराधना करती हैं। इस दिन मिट्टी के शिवलिंग, गणेश और माता पार्वती की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा की जाती है। पूजा के दौरान 15 तरह की पत्तियां अर्पित की जाती हैं। आखिर कौनसी हैं वे 16 पत्तियां और क्या हैं उसका राज।
 
 
सोलह तरह की पत्तियां- Hartalika Teej sixteen leaves:
 
- शिव, पार्वती और गणेशजी को बिल्वपत्र, जातीपत्र, सेवंतिका, बांस, देवदार पत्र, चंपा, कनेर, अगस्त्य, भृंगराज, धतूरा, आम पत्ते, नीम, अशोक पत्ते, पानपत्ते, केले के पत्ते और शमी पत्ते अर्पित किए जाते हैं। 
 
- कुछ लोग नीम की जगह तुलसी की बात करते हैं लेकिन शिवजी और गणेशजी को तुलसी का पत्ता अर्पित नहीं किया जाता है।
 
- बालू के शिवलिंग पर इस पत्तियों को एक एक करके उल्टा अर्पित किया जाता है। पत्ते उलटे चढ़ाना चाहिए तथा फूल व फल सीधे चढ़ाना चाहिए।
 
- 16 प्रकार की पत्तियों से शिवजी की षोडश उपचार पूजा की जाती है।
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- सोलह 16 प्रकार की पत्तियों का महत्व :- 
 
बिल्वपत्र : सौभाग्य
जातीपत्र : संतान
सेवंतिका : दांपत्य सुख
बांस : वंश वृद्धि
देवदार पत्र : ऐश्वर्य
चंपा : सौंदर्य और सेहत
कनेर : यश और सुख
अगस्त्य : वैभव
भृंगराज : पराक्रम
धतूरा : मोक्ष प्राप्ति
आम के पत्ते : मंगल कार्य
तुलसी : चरित्र
अशोक के पत्ते : शांति प्रिय जीवन
पान के पत्ते : परस्पर प्रेम में वृद्धि
केले के पत्ते : सफलता
शमी के पत्ते : धन और समृद्धि
 
नोट : यदि आप तुलसी नहीं ले रहे हैं तो किसी पंडित से पूछकर नीम ले सकते हैं जो आरोग्य का प्रतीक है।
 
पूजा सामग्री- Hartalika Teej 2022 Puja Samgari : सूखा नारियल, कलश, बेलपत्र, शमी का पत्ता, केले का पत्ता, धतूरे का फल, घी, शहद, अबीर, चन्दन, मंजरी, कलावा, इत्र, पांच प्रकार के फल, सुपारी, अक्षत, धूप, दीप, आक का फूल, कपूर, कुमकुम, गंगाजल, गणेश जी को अर्पित करने के लिए दूर्वा, जनेऊ, सुहाग की पिटारी जिसमें होती है 16 श्रृंगार की सामग्री।
 

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