काबुल। तालिबान की ताकत को प्रदर्शित करने वाली परेड कई मायनों में अलग रही। आमतौर पर कोई भी देश अपनी परेड में शक्ति प्रदर्शन के लिए आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन करता है, लेकिन तालिबान की परेड में आत्मघाती दस्ते दिखाई दिए। आत्मघाती दस्तों का प्रयोग आतंकवादियों द्वारा ही किया जाता है।
इस परेड का वीडियो सोशल मीडिया एवं अफगानिस्तान के नेशनल टेलीविजन पर प्रदर्शित किया गया था। करीब 40 मिनट के इस वीडियो की अमेरिका की ओर से आलोचना की गई है। साथ ही वीडियो में तालिबान का समारोह शुरू होता है जिसमें तालिबान के सैन्य आयोग का प्रतिनिधिमंडल सैन्य मैदान पर पहुंचता है और फिर उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। इसके बाद मौलवी मोहम्मद याकूब सभी लड़ाकों को संबोधित करते हैं।
समारोह में अलग-अलग ग्रुप्स के तालिबानी लड़ाके मंच पर बैठे नेताओं को वहां से गुजरते समय सलामी देते हैं। इनके बारे में बताया जाता है कि ये किसी भी हालात और किसी भी सैन्य ऑपरेशन से निपटने में माहिर हैं। इस ग्रुप में वेस्ट कोट वाले स्क्वाड्रन (आत्मघाती दस्ता), तोपखाना और भारी कार बम को साधने वाले दस्ते आदि को दर्शाया गया है।
इस वीडियो में गाड़ियों के ऊपर अत्याधुनिक स्वचालित रायफल, अलग-अलग तरह के रॉकेट लांचर, गाड़ियों को धमाके से उड़ाने वाले पीले बॉम्ब का जखीरा दिखाया गया है। जिन हथियारों का इस्तेमाल हमलावरों के खिलाफ किया गया, उनका भी प्रदर्शन इस दौरान किया गया।