बैंकॉक/मुंबई। यूक्रेन (Russia-Ukrain Crisis) के पूर्वी इलाकों की तरफ रूसी सेना को बढ़ने का आदेश जारी होने का एशियाई बाजारों पर गहरा असर देखने को मिला और मंगलवार को इनमें तेज गिरावट दर्ज की गई। जापान का निक्केई सूचकांक शुरुआती कारोबार के दौरान 2.2 प्रतिशत गिर गया जबकि हांगकांग के सूचकांक हांगसेंग में 3.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
भारत में भी निवेशकों को फटका : बेंचमार्क सूचकांकों में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ भारतीय इक्विटी के लिए मंगलावर की शुरुआत काफी निराशाजनक रही। युद्ध की आशंकाओं के बीच 5 दिनों की अवधि में बीएसई सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण को 9.1 लाख करोड़ रुपए तक कम कर दिया। 16 फरवरी आखिरी दिन था जब भारतीय बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे। इसके बाद से बाजार में लगातार गिरावट देखी जा रही है।
एशियाई कारोबार में कोरिया के कोस्पी में भी 1.8 प्रतिशत की सुस्ती देखी गई। शंघाई कंपोजिट सूचकांक भी शुरुआती कारोबार में 1.2 प्रतिशत गिर गया।
तेल के दाम भी चढ़े : यूक्रेन विवाद लंबा खिंचने की आशंका से कच्चे तेल के भाव भी चढ़ गए। तेल के बड़े उत्पादक देश रूस के इस विवाद में उलझने से आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका से यूएस क्रूड में 2.8 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। वहीं ब्रेंट क्रूड 96.77 डॉलर प्रचि बैरल पर कारोबार कर रहा था।
यूरोप में सोमवार को शेयर बाजारों में फिसलन देखी गई थी। जर्मनी के डेक्स में 2.1 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि फ्रांस के सीएसी 40 में 2 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। ब्रिटेन के एफटीएसई 100 में 0.3 प्रतिशत की नरमी देखी गई।
रूसी शेयर बाजार में भी गिरावट : यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई की तैयारी में लगे रूस का मोएक्स सूचकांक करीब 11 प्रतिशत तक लुढ़क गया। रूसी मुद्रा रूबल भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 3.2 प्रतिशत तक फिसल गई। अमेरिका ने यूक्रेन के विवादग्रस्त क्षेत्रों में निवेश एवं व्यापार पर रोक का शासकीय आदेश जारी कर दिया है। कुछ प्रतिबंधों की भी घोषणा किए जाने की उम्मीद है।