मुंबई। बढ़ते व्यापार घाटे के कारण निवेश धारणा कमजोर होने से गत दिवस अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर रहा घरेलू शेयर बाजार तीन दिन की तेजी के बाद मंगलवार को लाल निशान में बंद हुआ।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 72.46 अंक लुढ़ककर 34,771.05 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 41.10 अंक टूटकर 10,700.45 अंक पर बंद हुआ। आईटी और टेक को छोड़कर अन्य सभी सेक्टरों में बिकवाली रही।
निवेश धारणा इस कदर कमजोर रही कि बीएसई में जिन 3,091 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ उनमें 2,223 गिरावट में और मात्र 749 बढ़त में रहीं। अन्य 119 कपंनियों के शेयर दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद अपरिवर्तित बंद हुए।
सेंसेक्स में कोल इंडिया ने सबसे ज्यादा नुकसान उठाया। उसके शेयर साढ़े चार प्रतिशत टूटे। रिलायंस इंडस्ट्रीज में ढाई प्रतिशत की गिरावट रही। टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, आईटीसी और भारतीय स्टेट बैंक के शेयर दो प्रतिशत से अधिक लुढ़के। विप्रो के शेयर सर्वाधिक करीब पांच फीसदी चढ़े। इंफोसिस और आईटीसी में भी लगभग चार प्रतिशत की बढ़त रही और ये तीनों सेंसेक्स में सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनियां रहीं।
सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में दिसंबर तक देश का व्यापार घाटा 46.44 प्रतिशत बढ़कर 11,485.71 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में व्यापार घाटा 7,843.22 करोड़ डॉलर रहा था। इससे बाजार में निवेश धारणा कमजोर हुई।
मझौली और छोटी कंपनियों में दिग्गज कंपनियों की तुलना में कहीं ज्यादा बिकवाली रही। बीएसई का मिडकैप 1.74 प्रतिशत का गोता लगाकर 17,813.94 अंक पर और स्मॉलकैप 2.21 प्रतिशत लुढ़ककर 19,602.95 अंक पर आ गया। (वार्ता)