Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

सेंसेक्स 365 अंक लुढ़का, लगातार दूसरे दिन गिरावट

Bombay Stock Exchange
मुंबई , शुक्रवार, 25 अगस्त 2023 (18:07 IST)
Share Market Update : उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बाजार में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 365 अंक गिर गया जबकि निफ्टी 19300 के स्तर से नीचे आ गया। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और नीतिगत दर में वृद्धि की आशंका के बीच वित्तीय, आईटी तथा तेल कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से गिरावट आई।
 
बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 365.83 अंक यानी 0.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 64,886.51 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 519.77 अंक तक लुढ़क गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी भी 120.90 अंक यानी 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,265.80 अंक पर बंद हुआ।
 
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से लार्सन एंड टुब्रो, जेएसडब्ल्यू स्टील, इंडसइंड बैंक, पावर ग्रिड, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एनटीपीसी, एचडीएफसी बैंक, आईटीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा मोटर्स प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल और एक्सिस बैंक शामिल हैं।
 
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, दुनियाभर में निवेशक सतर्क रुख अपनाते दिख रहे हैं। इसका कारण नीतिगत दर बढ़ने की आशंका है। इसके अलावा ऊंची महंगाई को देखते हुए आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में भी मुद्रास्फीति को लक्ष्य के भीतर रखने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
 
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार में गुरुवार को गिरावट रही।
 
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक गुरुवार को शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने 1,524.87 करोड़ रुपए मूल्य के शेयरों की खरीदारी की। इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.25 प्रतिशत चढ़कर 84.40 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

करीब आधे चंद्र मिशन असफल हो जाते हैं, अभी भी अंतरिक्ष में पहुंचना क्यों है इतना मुश्किल?