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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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मोहिंदर अमरनाथ : प्रोफाइल

मोहिंदर अमरनाथ : प्रोफाइल
मोहिंदर जैन भारद्वाज (मोहिंदर अमरनाथ) पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान क्रिकेट एनालिस्ट हैं। उन्हें प्रचलित तौर पर 'जिम्मी' के नाम से जाना जाता है। वे लाला अमरनाथ के बेटे हैं, जो स्वतंत्र भारत के पहले क्रिकेट कप्तान थे। उनके भाई सुरिंदर अमरनाथ एक टेस्ट खिलाड़ी थे। अन्य भाई राजिंदर अमरनाथ पूर्व फर्स्ट क्लास खिलाड़ी हैं और वर्तमान में क्रिकेट कोच हैं। 
मोहिंदर अमरनाथ भारत की 1983 में हुई विश्व कप विजय के 'मैन ऑफ द सीरीज' बने। मोहिंदर उनके करियर के बाद के हिस्सों में एक्सप्रेस पेस के विरुद्ध सबसे बेहतरीन भारतीय बल्लेबाज बनकर उभरे। 
 
करियर 
 
मोहिंदर अमरनाथ ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 1969 के दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में की। वे शुरुआत से ही तेज बॉलर और ऑलराउंडर थे। अपने करियर के सुनहरे दिनों में वे टॉप ऑर्डर बल्लेबाज थे, जो अधिकतर नंबर 3 पर बैटिंग करने उतरते थे। वे गेंद के साथ भी कुशल थे और बॉल को अच्छे नियंत्रण के साथ स्विंग और कट कराते थे। उनका रन-अप अनोखा था, जहां वे क्रीज के पास पहुंचकर धीमे हो जाते थे। 
 
मोहिंदर अमरनाथ ने 69 टेस्ट मैचों में 4,378 रन बनाए। उनका बैटिंग एवरेज 42.50 का रहा जिसमें 11 शतक और 24 अर्द्धशतक शामिल हैं। 55.68 के बॉलिंग एवरेज के साथ मोहिंदर अमरनाथ ने 32 विकेट भी लिए। मोहिंदर अमरनाथ ने 85 एकदिवसीय मैच खेलकर 1,924 रन बनाए और उनका औसत 30.53 रहा। उन्होंने बॉलिंग में 46 विकेट झटकने के साथ 42.84 का औसत बनाया। 
 
प्रशंसा
 
पाकिस्तान के तेज गेंदबाज इमरान खान और वेस्टइंडीज के मैल्कम मार्शल, मोहिंदर अमरनाथ की बल्लेबाजी और दर्द पर काबू पाने की कला की प्रशंसा करते थे। 1982-83 में मोहिंदर अमरनाथ ने पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के खिलाफ 11 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 1,000 से भी अधिक रन बनाए थे। 
 
भारत के विश्वप्रसिद्ध क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने अपनी किताब 'आइडल्स' में मोहिंदर अमरनाथ को दुनिया का सबसे मंझा हुआ बल्लेबाज बताया है। पाकिस्तान के जबरदस्त क्रिकेटर इमरान खान ने अपनी किताब 'ऑल राउंड व्यू' में मोहिंदर अमरनाथ की जमकर तारीफ की है। उनके अनुसार 1981-82 में मोहिंदर अमरनाथ से बेहतर कोई बल्लेबाज नहीं था। इमरान खान आगे कहते हैं कि अमरनाथ को भारत के लिए उनके करियर की शुरुआत से तो उनके संन्यास तक लगातार खेलते रहना चाहिए था। 1969 में अपने करियर की शुरुआत के बाद टीम में वापसी के लिए अमरनाथ को 1975 तक इंतजार करना पड़ा।
 
 जुझारू खिलाड़ी
 
अमरनाथ की खास पहचान उनके जुझारूपन के लिए थी। वेस्टइंडीज के जाने-माने खिलाड़ी विवियन रिचर्ड्स उन्हें क्रिकेट जगत के सबसे अच्छे लोगों में से एक कहते थे। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट ओपनिंग बल्लेबाज डेविड बून ने अमरनाथ के लिए कहा, 'स्वीकार करना उनकी डिक्शनरी का शब्द ही नहीं'। 
 
रिचर्ड हेडली की वजह से अमरनाथ को खोपड़ी में एक हेयरलाइन जितना फ्रैक्चर हो गया। इमरान खान की गेंदबाजी से वे बेहोश हो गए और मैल्कम मार्शल की वजह से उनका दांत टूट गया। जेफ थॉम्सन की बॉल से घायल अमरनाथ का जबड़ा इतनी बुरी तरह घायल हुआ कि लंच में वे सिर्फ आइसक्रीम खा पा रहे थे। उनकी दर्द सहने की क्षमता गजब की थी। 
 
विवाद 
 
मोहिंदर अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के राजनीतिक मतभेदों पर खुलकर बोले। उन्होंने चयनकर्ताओं को 'जोकरों का समूह' बोलकर अच्छा-खासा विवाद पैदा किया। उनकी इस आदत की वजह से वे अक्सर टीम से बाहर रहते थे। 
 
क्रिकेट कोचिंग 
 
मोहिंदर अमरनाथ ने टीवी के लिए प्रोग्राम बनाया, जो हर हफ्ते प्रसारित होता था। इस प्रोग्राम में वे क्रिकेट की कोचिंग देते नजर आते थे और कार्यक्रम का नाम 'क्रिकेट विथ मोहिंदर अमरनाथ' (मोहिंदर अमरनाथ के साथ क्रिकेट) था। यह कार्यक्रम उस समय युवाओं द्वारा खासा पसंद किया गया। 

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