Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

WFI की विनेश को खरी खरी, कुश्ती और राजनीति एक साथ नहीं चलेगी

‘शुद्ध रूप से’ कुश्ती खेलनी है तो संन्यास के फैसले पर दोबारा विचार करें विनेश : WFI

WD Sports Desk
सोमवार, 26 अगस्त 2024 (17:43 IST)
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह ने सोमवार को कहा कि पेरिस ओलंपिक में पदक से चूकने के बाद खेल से संन्यास की घोषणा करने वाली पहलवान विनेश फोगाट को अपने इस फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए, बशर्ते उनका इरादा ‘शुद्ध रूप से’ कुश्ती खेलना ही हो।

पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 50 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल से पहले विनेश का वजन 100 ग्राम अधिक निकला था जिसके कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने खेल से संन्यास की घोषणा कर दी थी।

संजय ने ‘PTI- (भाषा)’ से कहा,‘‘अगर विनेश को शुद्ध रूप से कुश्ती खेलनी है, तो उन्हें संन्यास के अपने फैसले पर एक बार पुनर्विचार करना चाहिए। उनसे प्रेरणा लेकर महिला पहलवानों की हमारी नयी पीढ़ी आगे बढ़ेगी।’’

उन्होंने हालांकि अपनी बात में तुरंत जोड़ा,‘‘जिस हिसाब से वह (विनेश) आजकल राजनीतिक मंच साझा कर रही हैं, ऐसे में अगर उन्हें (भविष्य में) राजनीति ही करनी है, तो फिर उन्हें कुश्ती में राजनीति नहीं करनी चाहिए।’’
UNI

विनेश के राजनीति के अखाड़े में उतरने की अटकलों पर संजय ने कोई भी टिप्पणी से इनकार करते हुए कहा कि यह इस 30 वर्षीय पहलवान का व्यक्तिगत मामला है। उन्होंने कहा कि अगर विनेश प्रतिस्पर्धात्मक कुश्ती में लौटती है तो वह उन्हें पूरा सहयोग करेंगे।

संजय ने यह भी कहा कि 2023 में देश के पहलवानों का आंदोलन डब्ल्यूएफआई को ‘बहुत बड़ी सीख’ देकर गया है।

गौरतलब है कि यह आंदोलन कथित यौन उत्पीड़न मामले में तत्कालीन डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ किया गया था। मौजूदा डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह को बृजभूषण शरण सिंह का करीबी माना जाता है।

मौजूदा डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने कहा,‘‘हम पेरिस ओलंपिक में भारतीय पहलवानों के छह पदक जीतने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन देश विरोधी ताकतों के षड्यंत्र के तहत 18 महीने तक कुश्ती की गतिविधियां ठप कर दी गईं। इस आंदोलन के चलते देश को ओलंपिक में केवल एक पदक मिल सका।’’

संजय ने कहा,‘‘मैं कुश्ती और राजनीति को अलग-अलग रखना चाहता हूं। इसलिए मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति का नाम लेना नहीं चाहता जिसने यह आंदोलन खड़ा किया था लेकिन कुश्ती में राजनीति घुसने की वजह से ही पेरिस ओलंपिक में कुश्ती का यह हश्र हुआ।’’

उन्होंने हाल ही में जॉर्डन में खेली गई विश्व चैंपियनशिप में भारत की अंडर-17 महिला कुश्ती टीम के शानदार प्रदर्शन का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय महिला कुश्ती बहुत अच्छी स्थिति में है और लगातार आगे जा रही है।

संजय ने कहा,‘‘अगर डब्ल्यूएफआई को स्वतंत्र रूप से अपना काम करने दिया जाए और दो-चार संस्थाएं हमारे काम-काज में दखल देना बंद कर दें, तो हम अगले ओलंपिक में महिला कुश्ती में देश को चार से पांच पदक दिला सकते हैं।’’

उन्होंने यह भी बताया कि डब्ल्यूएफआई मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में कुश्ती अकादमी खोलने पर विचार कर रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव राज्य कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी हैं।WFI अध्यक्ष ने बताया,‘‘उज्जैन में कुश्ती की अकादमी खोलने की योजना को लेकर हमारी मुख्यमंत्री से शुरुआती दौर की बातचीत चल रही है।<>

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बांग्लादेशी पुरुष क्रिकेटरों का भारतीय महिलाओं ने शॉल से किया स्वागत तो BCCI पर भड़के फैंस

पूरे Diamond League में ओलंपिक के इस कांस्य पदक विजेता से आगे नहीं निकल पाए नीरज चोपड़ा

बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए भारतीय क्रिकेटर्स बांह पर काली पट्टी बांध कर उतरें, फैंस ने की मांग

INDvsPAK हॉकी मैच में हूटर बजने से पहले आपस में भिड़े खिलाड़ी (Video)

INDvsBAN सीरीज को रद्द करने की मांग ने पकड़ा जोर, BCCI से नाराज फैंस

सभी देखें

नवीनतम

रोहित शर्मा ने 12 साल के बाद घरेलू सीरीज हार पर दिया बड़ा बयान

13 विकेट 33 रन मिचेल सैंटनर के ऑलराउंड प्रदर्शन से पस्त भारत, इतिहास में नाम दर्ज

अपनी पहली टेस्ट सीरीज हारते ही रोहित शर्मा बने 21वीं सदी के सबसे खराब भारतीय कप्तान

पुणे टेस्ट में 113 रनों की जीत से न्यूजीलैंड ने रोका 18 सीरीज से चला आ रहा भारतीय जमीन पर टीम इंडिया का विजय रथ

12 साल बाद टूटा है घर का घमंड, न्यूजीलैंड ने पहली बार भारत में जीती सीरीज

આગળનો લેખ