नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धनसिंह राठौर ने खेल संस्थाओं में पारदर्शिता और सुशासन पर जोर देते हुए गुरुवार को कहा कि सरकार क्लीन स्पोर्ट्स सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राठौर ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थामस बाक की अगुवाई में आईओसी के एक शिष्टमंडल से एक मुलाकात के दौरान खेल संस्थानों में सुशासन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की मदद से खेल संहिता तैयार की है जिससे राष्ट्रीय खेल महासंघों की कार्यशैली प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों के चयन और सरकार द्वारा खेल निकायों को दिए जा रहे धन के उचित इस्तेमाल के लिए जवाबदेही में पारदर्शिता लाई जा सके।
राठौर ने साथ ही कहा कि सरकार मैदान और मैदान के बाहर के प्रदर्शन के लिए खेल संघों को जिम्मेदार बनाने के वास्ते हरसंभव प्रयास कर रही है। सरकार इस बात के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि देश में खेलों के विकास और प्रोत्साहन के लिए हर प्रकार की सुविधाएं और धन उपलब्ध कराया जाए। मेक इन इंडिया का उद्देश्य भारत को खेलों का निर्माण हब बनाना भी है।
खेल मंत्री ने साफतौर पर कहा कि उनका मंत्रालय खेलों में किसी भी तरह की धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं करेगा। आईओसी अध्यक्ष बाक ने भी सरकार के इन प्रयासों की सराहना की जबकि आईओए अध्यक्ष नरेंद्र ध्रुव बत्रा ने सुशासन और पारदर्शिता में सरकार को हर तरह की मदद देने का आश्वासन दिया। खेल मंत्री और बाक के बीच बैठक करीब एक घंटा चली जिसमें दोनों पक्षों ने खेल प्रोत्साहन और विकास, खेलों में सुशासन और अंतरराष्ट्रीय खेल संगठनों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए चर्चा हुई।
राठौर ने शिष्टमंडल को भारत सरकार द्वारा ग्रास रूट स्तर पर लोगों को खेलों से जोड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि देश में न केवल खिलाड़ियों का एक पूल तैयार किया जा रहा है बल्कि सरकार एक कोच बैंक भी तैयार करने की कोशिश कर रही है ताकि खिलाड़ियों को उचित प्रशिक्षण दिया जा सके। राठौर ने हाल में संपन्न हुए खेलो इंडिया स्कूल गेम्स का खासतौर पर जिक्र किया जिसका उद्देश्य कम उम्र में खेल प्रतिभाओं की तलाश करना है। उन्होंने साथ ही बताया कि कॉलेज और विश्व विद्यालय स्तर पर भविष्य में इस तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। (वार्ता)